धर्म-संस्कृति

महादेव की कृपा पाने 19 जनवरी को बन रहा उत्तम संयोग,जाने पूजन विधि

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 प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अलग महत्व रखता है. भगवान शिव की आराधना करने वाले प्रदोष व्रत जरूर रखते है. इस बार प्रदोष व्रत 19 जनवरी 2023 को गुरुवार के दिन रखा जायेगा.

पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत जब गुरुवार के दिन पड़ता है तो माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने वालों को शत्रुओं से मुक्ति मिलती है. जीवन में सुख समृद्धि आती है. इस व्रत को रखने से और विधि पूर्वक पूर्ण करने से दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है. इतना ही नहीं ये व्रत विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने वाला माना गया है. हिंदू धर्म के सभी व्रतों में खास है यह व्रत. प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13वें दिन यानी त्रयोदशी पर रखा जाता है. हर महीने 2 प्रदोष व्रत पड़ते है .अब आपको बताते हैं प्रदोष व्रत से जुड़े कुछ नियम

गुरू प्रदोष व्रत के नियम

  •     इस दिन भक्तों को सुबह ब्रह्म मुहूर्त या फिर सुबह सूर्य उदय से पहले उठ कर जल्दी स्नान कर लेना चाहिए.
  •     स्नान के बाद साफ स्वच्छ कपड़े पहनें और भोलेनाथ के नाम का स्मरण करें
  •     पूजन में भगवान शिव के मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते हुए शिव जी को जल चढ़ाना चाहिए.
  •     प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें.
  •     साथ ही इस दिन आहार का सेवन न करें .
  •     मांस, मदिरा,  प्याज, लहसुन या अन्य तामसिक भोजन का सेवन न करें.
  •     साथ ही तंबाकू और शराब से भी दूर रहें.
  •     पूरे दिन व्रत रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान करके श्वेत पहन लें .
  •     पूजा स्थल को गंगा जल से स्वच्छ कर लें और उसके प्रदोष काल में पूजा अर्चना शुरू करें.
  •     कोशिश करें की इस दिन अपने आप को लड़ाई -झगड़े से दूर रखे.
  •     दिन में जितनी बार हो सके ओम नमः शिवाय का जाप करें.

प्रदोष व्रत का उद्यापन

  •     प्रदोष व्रत को काम से काम ग्यारह या फिर 26 त्रयोदशियों तक रखा जाता है और उसके बाद प्रदोष व्रत का उद्यापन किया जाता है.
  •     व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करना चाहिए
  •     जिस दिन उद्यापन करें उस दिन हवन जरूर करें
  •     साथ ही 'ऊँ उमा सहित शिवाय नम:' मंत्र का एक माला का जाप करें , यह जाप 108 करते हुए हवन करें
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