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गर्भवती महिलाओं को मतली और उल्‍टी महसूस होना आम

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प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में उल्‍टी और मतली होना आम बात है। अगर आपको मॉर्निंग सिकनेस है, तो इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि आपको ये सिर्फ सुबह के समय ही महसूस होगी। कई महिलाओं को दिन में किसी भी समय उल्‍टी और मतली महसूस होती है।

कुछ महिलाओं को यह शिकायत रहती है कि उन्‍हें पूरा दिन उल्‍टी और मतली रहती है। यहां तक कि वो कुछ खा और पी तक नहीं पाती हैं। ऐसे में चिंता होना लाजिमी है। अगर आपको भी प्रेग्‍नेंसी में बार-बार उल्‍टी हो रही है और आप कुछ खा तक नहीं पा रही हैं तो इस आर्टिकल में डॉक्‍टर शो बता रही हैं कि ऐसा होना नॉर्मल है या नहीं।

एक्‍सपर्ट कहते हैं कि कभी-कभी महिलाओं को बहुत ज्‍यादा मॉर्निंग सिकनेस, फूड एवर्जन और उल्‍टी होती है। ऐसे में डॉक्‍टर कुछ दवाएं और पेरिडॉक्सिन विटामिन की हाई डोज लिखते हैं ताकि उल्‍टी ना हो।

प्रेग्‍नेंसी में किसी खाने की खुशबू से भी उल्‍टी और मतली हो सकती है लेकिन उल्‍टी को दवा से रोका जा सकता है और फूड हैबिट्स को बदलकर इसे रोका जा सकता है। प्रेग्‍नेंसी में बहुत ज्‍यादा उल्‍टी या मतली होना और इसकी वजह से कुछ ना खा या पी पाना नॉर्मल है।

​हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम
प्रेग्‍नेंसी में बहुत ज्‍यादा उल्‍टी होने की स्थिति को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहते हैं। आमतौर पर इसकी शुरुआत प्रेग्‍नेंसी के चौथे और छठे हफ्ते के बीच में ही हो जाती है। रोज-रोज मतली और मॉर्निंग सिकनेस परेशान कर सकती है लेकिन इससे आपको या आपके बेबी को कोई नुकसान नहीं होता है। आप आराम कर के और घरेलू नुस्‍खों की मदद से इसे ठीक कर सकती हैं।

​इसका इलाज जरूर करवाएं
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम का अगर इलाज ना करवाया जाए तो यह मां और बच्‍चे को प्रभावित कर सकता है। हो सकता है कि प्रेगनेंट महिला का थोड़ा वजन भी कम हो जाए। कुछ खा या पी ना पाने की वजह से डिहाइड्रेशन भी हो सकती है जिससे आपका पेशाब गहरे पीने या भूरे रंग का आ सकता है।

​डॉक्‍टर से जरूर बात करें
अगर आप कभी-कभी थोड़ा खा और पी पा रही हैं या कभी-कभी आपको मतली महसूस नहीं हो रही है, तब भी आपको लगातार अपने डॉक्‍टर के संपर्क में रहना चाहिए और उन्‍हें अपना स्‍टेटस बताते रहना चाहिए। प्रेग्‍नेंसी मतली का इलाज कर के इसे हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम तक पहुंचने से रोका जा सकता है।

प्रेग्‍नेंसी में कितनी बार उल्‍टी होना नॉर्मल है?
Healthline के मुताबिक मॉर्निंग सिकनेस होने पर दिन में बस एक बार उल्‍टी हो सकती है और मतली और उल्‍टी को रोका जा सकता है। अगर आपको हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम है तो आपको दिन में तीन या चार बपर उल्‍टी हो सकती है और लगातार मतली महसूस हो सकती है।

 

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