CG में साम्प्रदायिकता भड़काने वालों पर अब रासुका लगाएगी सरकार,कलेक्टरों को दिए अधिकार
रायपुर
छत्तीसगढ़ में साम्प्रदायिकता भड़काने वालों पर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-रासुका लगाने जा रही है। इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को अधिकृत कर दिया गया है। इस कानून के तहत पुलिस ऐसे व्यक्तियों को एक साल तक हिरासत में रख सकती है। इसमें जमानत भी मुश्किल होगी। बताया जा रहा है कि नारायणपुर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद सरकार को पूरे प्रदेश में ऐसी घटनाओं की साजिश के इनपुट मिले हैं।
गृह विभाग ने पिछले दिनों असाधारण राजपत्र में एक अधिसूचना जारी की। इसके जरिये जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-रासुका लगाने के लिए अधिकृत किया गया है। इस अधिसूचना के मुताबिक राज्य सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कुछ तत्व साम्प्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिए, लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य करने के लिए सक्रिय हैं, अथवा उनके सक्रिय हाेने की संभावना है। सरकार को इसका समाधान भी हो गया है।
सरकार ने सांप्रदायिकता भड़काने वालों पर रासुका लगाने का अधिकार कलेक्टरों को दे दिया है। इसका राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया है। एक जनवरी को नारायणपुर में आदिवासियों और मतांतरित आदिवासियों के बीच हुए विवाद के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीर पहल शुरू की है। राज्य में इसी वर्ष चुनाव होना है, इससे पहले सरकार मतांतरण विवाद से बचने का रास्ता तलाश रही है।
क्या अधिकार देता है इस कानून का धारा तीन-2
इसमें कहा गया है कि केंद्र अथवा राज्य सरकार किसी व्यक्ति हानिकारक कार्य करने से रोकने, लोक व्यवस्था बनाए रखने अथवा आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए ऐसे व्यक्ति को हिरासत में रखने-निरुद्ध करने का आदेश दे सकती है। ऐसा आदेश जारी होने के सात दिन के भीतर राज्य सरकार, केंद्र सरकार को भी इसकी जानकारी देगी। वह आधार भी बताएगी, जिसके तहत ऐसा आदेश जारी किया गया है।
गिरफ्तारी का असीमित अधिकार देता है यह कानून
बताया जा रहा है, इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को पहले तीन महीने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है। जरूरत पड़ी तो तीन-तीन महीनों के लिए हिरासत की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। गिरफ्तारी के आदेश को सिर्फ इस आधार पर अवैध नहीं माना जा सकता है कि इसमें से एक या दो कारण स्पष्ट नहीं हैं, उसका अस्तित्व नहीं है अथवा वह अप्रासंगिक है- उस व्यक्ति से संबंधित नहीं है। किसी अधिकारी को ऐसे आधार पर गिरफ्तारी का आदेश पालन करने से नहीं रोका जा सकता है। गिरफ्तारी के आदेश को इसलिए अवैध करार नहीं दिया जा सकता है कि वह व्यक्ति उस क्षेत्र से बाहर हो जहां से उसके खिलाफ आदेश जारी किया गया है।
बस्तर में पिछले एक महीने से चल रहा है बवाल
बस्तर संभाग के कई जिलों में पिछले एक महीने से छिटपुट बवाल जारी है। पिछले महीने नारायणपुर जिले में धर्मांतरण कर इसाई बन चुके लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं अचानक बढ़ गईं। 16 दिसम्बर को 14 गांवों के ऐसे लोगों ने भागकर जिला मुख्यालय में शरण ली। बाद में धर्मांतरित लोगों ने एक गांव में कुछ ग्रामीणों को पीट दिया। जवाब में एक बड़ी भीड़ ने नारायणपुर में चर्च पर हमला किया। उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे एसपी सदानंद कुमार पर भी हमला हुआ। एसपी घायल हो गए। खुफिया इनपुट है कि शरारती तत्व धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर पूरे प्रदेश में बवाल खड़ा करने की कोशिश में हैं।
You Might Also Like
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में यूपी और पंजाब पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, तीन खालिस्तानी आतंकी ढेर
पीलीभीत उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है। मुठभेड़ में...
इंदौर : रणजीत हनुमान की प्रभातफेरी में उमड़ा भक्तों का सैलाब, दूसरे शहरों से भी पहुंचे लोग
इंदौर इंदौर में बाबा रणजीत हनुमान का स्वर्ण रथ सुबह करीब 11.15 बजे मंदिर परिसर पहुंचा। मंदिर के मुख्य पुजारी...
वार्षिकोत्सव में बच्चों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम
रायपुर शिवम् एजुकेशनल एकेडमी इंद्रप्रस्थ ब्रांच 6वाँ वार्षिक उत्सव का कार्यक्रम आज 22 दिसंबर को रॉयल क्लब रायपुरा में बड़े...
छत्तीसगढ़-वॉलीबाल संघ के महेश गागड़ा बने प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री साय ने जताया हर्ष
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महेश गागड़ा को छत्तीसगढ़ वॉलीबाल संघ का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई और शुभकामनाएं...