सियासत

कांग्रेस कुनबे में कलह, दो साल से पायलट के खाली हाथ, मिशन 2023 से पहले मिली गुटबाजी को हवा

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 जयपुर
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कहीं नाराजगी तो कहीं गुटबाजी से पार्टी कमजोर हो रही है। मंत्री से पद से हटाए जाने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के हाथ पिछले दो साल से खाली है। सरकार में होने के बावजदू कांग्रेस कुनबे में कलह ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। सचिन पायलट को कोई पद नहीं मिलना मिशन 2023 से पहले गुटबाजी को हवा दे सकता है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट अगर किसी पद पर नहीं आए तो गुटबाजी थमना आसान नहीं होगा।

पायलट समेत 3 मंत्रियों 2020 में कर दिया था बर्खास्त

गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने पर सचिन पायलट समेत 3 मंत्रियों  रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को 14 जुलाई 2020 को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद से ही पायलट के हाथ खाली है। हालांकि इस दौरान गहलोत और पायलट कैंप में सुलह हो गई। कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने पायलट समर्थक विधायकों को मंत्री भी बना दिया। समर्थकों को बंपर राजनीतिक नियुक्तियां भी दे गई लेकिन पायलट के हाथ खाली रहे।
 

कांग्रेस आलाकमान पर एडजस्ट करने का दबाव

उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट राजनीति में आने के बाद किसी न किसी पद रहे है। वर्ष 2004 में सचिन पायलट पहली बार दौसा से सांसद बने। इसके बाद अजमेर से सांसद बनकर मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने। लेकिन वर्ष 2020 में सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद उन्हें  प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। गहलोत एवं पायलट कैंप में सुलह होने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को एडजस्ट करेगा। हाल ही में पांच राज्यों में कांग्रेस के निराशाजनकर प्रर्दशन के बात  पायलट को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की चर्चा चली थी। पार्टी के निलंबित प्रवक्ता संजय झा ने यह मांग की। इसके बार कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने पायलय के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की थी।

गहलोत के मंत्रियों की बयानबाजी से सरकार की किरकिरी

राजस्थान में वर्ष 2023 में चुनाव होने है। लेकिन संगठन और सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस के विधायकों की आए दिन हो रही बयानबाजी से पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है। कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा, अमीन खान औ राम नारायण मीणा खुलकर सरकार और संगठन पर निशाना साध चुके हैं। जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने जलदाय मंत्री महेश जोशी को रबर स्टैंप बता दिया। जबकि विधायक अमीन खान ने कांग्रेस पर मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगा दिया। वरिष्ठ विधायक राम नारायण मीणा ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगा दिया। सीएम गहलोत के मंत्री भी सरकार की किरकिरी कराने में लगे हुए है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। उन्हें कोटा का विकास पच नहीं पा रहा है। हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में मंत्री लालचंद कटारिया और प्रताप सिंह खाचरियावा ने धारीवाल की मनमानी पर सवाल उठा दिए। इन मंत्रियों ने बाकि शहरों के विकास का पैसा काटकर कोटा ले जाने का आरोप लगा था।

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