सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए रावण दहन, जानिए महत्व और रावण दहन का शुभ समय
नई दिल्ली
दशहरा या विजयदशमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। इसे विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं। इस साल यह त्योहार आज यानी 15 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जा रहे हैं। कहा जाता है कि रावण दहन के साथ व्यक्ति बुराइयों का अंत करके अच्छाइयों की ओर बढ़ने की कोशिश करता है।
सूर्यास्त के बाद करना चाहिए रावण दहन-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, रावण दहन हमेशा सूर्यास्त के बाद ही किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, रात्रि के समय को रावण दहन के लिए उत्तम माना जाता है। इसलिए दशहरा पूजा भी सूर्यास्त के समय या बाद में की जानी चाहिए।
रावण दहन का महत्व-
रामायण के अनुसार, लंकापति रावण के अंत होने के साथ ही इस दिन का विशेष महत्व है। कहते हैं कि दशहरे के दिन व्यक्ति अपनी बुराइयों को खत्म करता है। कहते हैं कि रावण दहन से रोग, दोष, शोक, संकट और ग्रहों की विपरीत स्थिति से मुक्ति मिलती है। दशहरा के दिन रावण दहन इसलिए ही जरूरी माना जाता है।
विजयादशमी 2021 शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से 2 बजकर 48 मिनट तक।
दशमी तिथि- शाम 06 बजकर 02 मिनट तक।
अमृत काल- रात को 10 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।
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