–बिना विमर्श सदन से मिल जाती है मंजूरी
-जनहित में विधायक भी चाहते हैं रवैये में हो बदलाव
भोपाल। विधानसभा का मूल काम भले ही जनता के लिये प्रतिनिधियों की राय से कानून बनाना है, लेकिन जानकर आश्चर्य होगा कि इसके मद्देनजर आने वाले विधेयक यहां बिना चर्चा मंजूर हो जाते है। बीते ढ़ाई साल में दो सरकारे देख चुकी मप्र की 15वीं विधानसभा भी इससे अछूती नहीं है। क्योंकि इसके द्वारा मंजूर किये गये 69 विधेयकों में 2-4 को छोड़ दिया जाए, तो जनप्रतिनधियों की उदासीनता के कारण बिना चर्चा ही मंजूर कर दिये गये हैं।
यह स्थिति मंगलवार को समय से दो दिन पहले समाप्त हुए विधानसभा के 9वेंं सत्र की नहीं है, बल्कि यह स्थिति जनवरी 2019 को हुई पहली बैठक के ठीक दूसरे सत्र से अधिकांश सत्रों में देखी जा रही है। जबकि विधि विषयक कार्य जनता पर प्रत्यक्षत: प्रभाव डालते हैं। बावजूद इसके सरकार द्वारा पेश किये जाने वाले विधेयक या संशोधन सदन में बिना विमर्श ही मंजूर कर दिये जाते हैं। यह बात अलग है कि इस विषय पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायक एक मत हैं कि जनता से जुड़े विधि विषयक प्रस्तावों पर विमर्श आवश्यक है, लेकिन यह इसके पीछे सदन में होने वाले अनावश्यक शोर-शराबे को भी जिम्मेदार ठहराते हैं। इनका कहना है कि विपक्ष का सहयोग नहीं मिलने के कारण जनता से जुड़े मसलों पर न तो बात हो पाती है और न ही सुझाव दे पाते हैं। वहीं दूसरी ओर यह कार्य यदि सामान्य माहौल में होता है तो पक्ष व विपक्ष के सुझाव से यह जनहित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डेढ़ साल में कांग्रेस ने पारित किये 40 विधेयक
कांग्रेस ने डेढ़ साल में करीब 40 विधेयक सदन में पेशकर मंजूर कराये हैं। यह मार्च 2020 से सत्ता संभाल रही भाजपा द्वारा लाये गये विधेयकों से 11 ज्यादा है। क्योंकि भाजपा द्वारा सितंबर 2020 सत्र के दौरान मंजूरी के लिये लाये गये 19 से 8 विधेयक ही मंजूर किये गये हैं। जबकि इसके बाद फरवरी मार्च 2021 सत्र में वह 21 विधेयकों को मंजूर कराने में सफल रही है।
भाजपा सिर्फ 17 दिन ही चला पाई सदन
जनवरी 2019 से मार्च-अपै्रल 2020 के बीच कांग्रेस सरकार में भले ही 89 दिन के लिये सत्र की अवधि 89 दिन रखी गई, लेकिन सदन सिर्फ 27 दिन ही चल पाया है। तख्तापलट के बाद मार्च 2020 से अगस्त 2021 के बीच भाजपा सरकार में विधानसभा की मात्र 17 बैठके हुई है। जबकि प्रस्ताव 44 बैठकों का था।
09 व 17 मिनट भी चला है सदन
विधानसभा सत्र पर होने वाला खर्च किसी से छिपा नहीं है। बावजूद इसके जानकर आर्श्चय होगा कि 9 और 17 मिनट के लिये भी सदन आहूत किया गया है। 17 मिनट की बैठक के दौरान मार्च 2020 में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री
पद से इस्तीफा दिया था। वहीं इसके बाद 9 मिनट की बैठक में मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने विश्वास मत हासिल किया था।
हंगामे के बीच विधेयक हुए पास
विधानसभा में हंगामे के बीच 45 मिनट में 7 विधेयक पारित हो गए. अध्यक्ष की अनुमति से मध्य प्रदेश विनियोग अधिनियम निरसन विधेयक 2021, मध्य प्रदेश संशोधन अधिनियमों का निरसन विधेयक 2021, मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक 2021, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2021, मध्य प्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक 2021, मध्य प्रदेश विनियोग अधिनियम निरसन विधेयक 2021 को हंगामे के बीच 45 मिनट में पेश कर पारित कर दिया गया.
इनका कहना है
विधेयकों पर चर्चा परिस्थिति के अनुसार तय होती है। विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण कई बार महत्वपूर्ण विधेयक या संशोधन विधेयकों पर चर्चा नहीं हो पाती है। जनहित में इन पर बहस तो होनी ही चाहिये।
यशपाल सिंह सिसोदिया, विधायक भाजपा
मेरी निजी राय है कि विधेयकों पर बहस होनी चाहिये। बशर्ते सत्ता पक्ष इसमें रूचि ले। सरकार तो सदन की बैठके कराने में ही इच्छुक नहीं दिखती है। इस परंपरा में बदलाव की जरूरत तो बनी ही हुई है।
डॉ गोविंद सिंह, विधायक व पूर्व संसदीय कार्यमंत्री
You Might Also Like
प्रदेश में सुव्यवस्थित खेल अधोसंरचना और सुदृढ़ खिलाड़ियों का निर्माण सतत प्रक्रिया : मंत्री सारंग
राष्ट्रीय खेल दिवस महोत्सव का दूसरा दिन: सरदारपुर की टीम ने मिनी ब्राजील विचारपुर को रोमांचक मुकाबले में 1-0 से...
पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर 1 से 6 सितंबर तक यूजी और पीजी के लिए विशेष सीएलसी चरण
भोपाल उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय/अनुदान प्राप्त अशासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में, शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिये, स्नातक एवं...
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल ने ग्राम बांक, इंदौर में एम.आर.एफ. प्लांट का निरीक्षण किया
भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को इंदौर की ग्राम पंचायत बांक...
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी ने देश की पहली ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की दी सौगात
नोएडा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को नोएडा पहुंचे। दोनों नेताओं ने सेक्टर-81...