मध्य प्रदेश

किसानों की नष्ट फसल का बीमा मिलने में संशय

9Views

भोपाल
ग्वालियर चंबल के बाढ़ प्रभावित जिलों में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल पाएगा या नहीं, इसको लेकर संशय की स्थिति बन गई है। इसकी वजह जिलों में फसल बीमा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 9 अगस्त किया जाना है। हजारों किसानों के आवेदन पर बीमा कम्पनियां और बैंक प्रक्रिया ही पूरी नहीं कर सके हैं। ऐसे में इस अंचल के लाखों किसानों की फसलें तबाह होने पर उन्हें नुकसान की भरपाई हो पाने की उम्मीद कम है।

इस योजना के अंतर्गत बीमित फसलों को प्राकृतिक आपदा से हानि होने पर किसान को क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाता है। पहले यह 28 जुलाई तक तय थी और फसल बीमा के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 16 अगस्त तय की गई है। शासन द्वारा सभी फसलों के लिए स्केल आॅफ फायनेंस (ऋणमान) निर्धारित कर दिया गया है। इसके आधार पर प्रीमियम की राशि निर्धारित की गई है। फसलों के लिए पटवारी हल्कावार, तहसीलवार एवं जिलावार फसलों को अधिसूचित किया गया है। चूंकि इस बीच पटवारी हड़ताल पर हैं, इसलिए उनकी फसल की सही स्थिति की जानकारी भी इस अवधि तक नहीं उपलब्ध नहीं हो पाई है। शासन द्वारा खरीफ मौसम की सभी अनाज, दलहन तथा तिलहन फसलों के लिए किसान को बीमित राशि का केवल दो प्रतिशत प्रीमियम के रूप में देने के लिए कहा गया है। प्रीमियम की शेष राशि का भुगतान राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार द्वारा किया जाएगा।

अभी जिनका बीमा नहीं हुआ है, ऐसे अऋणी किसान बैंकों तथा लोक सेवा केन्द्र एवं निर्धारित बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि के माध्यम से फसलों का बीमा करा सकते हैं। बीमा कराने के लिए आवेदन पत्र, आधारकार्ड, राशनकार्ड, समग्र आईडी, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि पहचान पत्रों में से किसी एक की छायाप्रति तथा भू अधिकार पुस्तिका की छायाप्रति प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्र के साथ फसल बोनी प्रमाण पत्र देना भी आवश्यक है। सभी ऋणी किसानों का बीमा संबंधित बैंक के माध्यम से किया जायेगा।

admin
the authoradmin