मध्य प्रदेश

विधानसभा मानसून सत्र: एमएसएमई प्रोत्साहन योजना में संशोधन प्रस्ताव पर चर्चा

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भोपाल
प्रदेश में जहरीली शराब के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब शराब माफिया पर अंकुश लगाने सरकार आबकारी एक्ट में कड़े प्रावधान करने जा रही है। अवैध और जहरीली शराब बेचने वालों को अब फांसी या उम्रकैद या पचास लाख रुपए तक के जुर्माने की सजा दी जा सकती है। शिवराज कैबिनेट ने आज इस पर मुहर लगाने जा रही है और अब अगले विधानसभा सत्र में इसको लेकर विधेयक लाया जाएगा।

प्रदेश में जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ और सख्त कानून बनाने जा रही है। इसके लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान बढ़ाया जाएगा। इसके लिए अधिकतम जुर्माने की राशि बढ़ाकर पचास लाख और आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की जाएगी। मध्यप्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक 2021 विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा और वहां से पारित होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। आज कैबिनेट बैठक में इस विधेयक के मसौदे पर चर्चा की गई। वहीं प्रदेश में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम में निवेश का दायरा दस करोड़ से बढ़ाकर पचास करोड़ किए जाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में मंदसौर में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत जैसी घटनाएं रोकने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने पर चर्चा की गई। वर्तमान में आबकारी एक्ट में अवैध शराब के मामलों में आबकारी एक्ट की धारा 34(1) के तहत पहली बार अवैध शराब का केस बनने पर पांच सौ रुपए जुर्माना और एक साल की सजा का प्रावधान है। दूसरी बार अवैध शराब के मामले में गिरफ्तारी होने पर दो माह से दो साल तक सजा और दस हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। आबकारी एक्ट में प्रकरण दर्ज होने पर एक साल से तीन साल की सजा और 25 हजार रुपए तक का जुर्माना और इसी एक्ट में दूसरी बार अवैध परिवहन करते पाए जाने पर  पांच से दस साल की सजा और दो लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। अब इस नये विधेयक के जरिए सजा का प्रावधान बढ़ाकर आजीवन कारावास या फांसी और जुर्माने की राशि बढ़ाकर पचास लाख रुपए की जाएगी।

कैबिनेट में डायल 100 सेवा के द्वितीय चरण की 2020 से 2025 तक प्राप्त स्वीकृति के स्थान पर  2021-27 की अवधि के लिए कार्ययोजना प्रस्ताव की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति पर सैद्धांतिक मंजूरी देने पर भी चर्चा की गई।  इसके अलावा  मध्यप्रदेश की एमएसएमई विकास नीति 2019 और मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2019 में संशोधन के प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा की गई। अब केन्द्र सरकार द्वारा तय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए नवीन वर्गीकरण को मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाएगा।

केन्द्र सरकार एमएसएमई के लिए निवेश सीमा बढ़ाकर पचास करोड़ रुपए कर चुकी है। अब राज्य में भी यही निवेश सीमा लागू की जाएगी।  महाधिवक्ता कार्यालय में सचिव के पद पर सेवानिवृत्त न्यायिक सेवा के न्यायाधीश पंकज गौड़ को एक वर्ष या अन्य व्यवस्था होने तक उनका कार्यकाल बढ़ाये जाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2021 ,अधिनियम 1991 में संशोधन के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। सिंगरौली जिले के विकासखंड सिंगरौली में नवीन आईटीआई खोले जाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। भारत ओमान रिफाइनरी बीना के सहयोग से परिसर के निकट एक हजार बिस्तरों के अस्थायी कोविड अस्पताल के निर्माण और संचालन के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।

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