मध्य प्रदेश

जनवरी से जुलाई के बीच पहुंची ढाई लाख कम्प्लेन, निपटाई 74% शिकायतें

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भोपाल
प्रदेश के नगरीय निकायों में कोरोनाकाल के दौरान जनवरी से जुलाई के बीच ढाई लाख शिकायतें प्राप्त हुई है। इनमें से 74 प्रतिशत शिकायतों को संतोषजनक तरीके से निराकृत किया गया है। नगरीय प्रशासन विभाग ने सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों को तेजी से निपटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रदेश के बेस्ट दस अफसरों की रैकिंग भी जारी की है।

कोरोनाकाल में आम नागरिकों ने अस्थाई अतिक्रमण, आवारा कुत्तों, आवारा पशुओं और आवारा सुअरों की समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाईन में शिकायत की। इसी तरह शहर के उद्यानों और घरों के आसपास सफाई नहीं होने की शिकायतें भी काफी संख्या में पहुंची है। ग्वालियर में सर्वाधिक 27 हजार 719 शिकायतें पहुंची है। शिकायतों के मामले में इंदौर दूसरे स्थान पर है। यहां 23 हजार 182 श्किायतें पहुंची। तीसरे स्थान पर राजधानी भोपाल है। यहां 22 हजार 844 शिकायतें पहुंची है। जबलपुर में तेरह हजार 669 शिकायतें मिली है। मुरैना में दस हजार 830 शिकायतें पहुंची है। इसके अलावा उज्जैन, सागर, सतना, रीवा, गुना, छतरपुर, भिंड, शिवपुरी, रतलाम में पांच हजार से अधिक शिकायतें सीएम हेल्पलाईन तक पहुंची है।

जो शिकायतें मिली है उनमें एलवन लेवल की सर्वाधिक एक लाख 43 हजार 845 शिकायते है। एल टू लेवल की 33 हजार 438 शिकायतें मिली है। 24 हजार 700 शिकायतों को फोर्स क्लोज किया गया। 75 फीसदी शिकायतें निराकृत कर बंद कर दी गई है। खराब सड़क, गंदी नालियों, नालों और सफाई नहीं होेंने की सर्वाधिक 24 हजार 552 शिकायतें एल वन लेवल पर पहुंची। इसके अलावा अन्य तीन और लेवल पर भी इन शिकायतों की संख्या सर्वाधिक रही।

प्रदेश में इंटरनेट और टेलीफोन प्रदाता कंपनियों के टावर रियायशी मोहल्लों में लगाए जाने के खिलाफ भी लोगों ने सीएम हेल्पलाईन में हजारों शिकायतें की है। इसके अलावा होर्डिंग से होंने वाली दुर्घटनाओं, स्ट्रीट लाईट बंद रहने की भी 8 हजार 357 शिकायतें सीएम हेल्पलाईन में पहुंची है।  पेयजल तथा नवीन जल कनेक्शन समय पर नहीं दिए जाने की 26 हजार से अधिक शिकायतें पहुंची है। दैनिक जलप्रदाय योजना, जलापूर्ति, टंकियों के रखरखाव, पीने के पानी की जांच , नलकूप, हेंडपंप, पाइपलाइनों के रखरखाव की शिकायतें भी पहुंची है।

शहर में आवारा कुत्तों का आतंक भी समाप्त नहीं हो रहा है। खास तौर पर छोटे बच्चे,महिलाएं इनसे बेहद परेशान है। नसबंदी नहीं होंने से इनकी आबादी तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते कुत्तों के काटने की घटनाए बढ़ रही है। मुख्यमंत्री हेल्पलाईन तक इस संबंध में 3 हजार 156 शिकायतें पहुंची है और उन पर कार्यवाही कर इनकी धरपकड़ की गई।

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