मध्य प्रदेश

MP में उत्पादित कोयले की ग्रेडिंग तय करेंगे मध्यप्रदेश के अफसर, सौंपी पॉवर

भोपाल
मध्यप्रदेश में उत्पादित होने वाले ऐसे कोयले जो केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम के अलावा है उनमें कोयले की ग्रेडिंग तय करने, नमूने एकत्रित, रासायनिक विश्लेषण कर प्रदेश के अफसर अपनी अनुशंसा खनिज विभाग को देंगे।

 कोयलरी नियंत्रण अधिनियम के तहत कोयला नियंत्रक की शक्तियां संचालक खनिज को दी गई है। इन शक्तियों के तहत केन्द्रीय सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर शेष कोयला ब्लॉक में इस नियम के तहत कार्यवाही की जानी है। इस नियम के तहत केन्द्रीय सरकार के सार्वजनिक उपक्रम को छोड़कर शेष कोयला ब्लॉको में उत्पादित कोयले के ग्रेड निर्धारण के लिए कार्यवाही अब मध्यप्रदेश के अफसर करेंगे। इसके लिए रीवा, शहडोल संभाग में स्थित निजी क्षेत्र के कोल ब्लॉक के लिए  क्षेत्रीय प्रमुख क्षेत्रीय कार्यालय संचालनालय खनि और जबलपुर संभाग में स्थित निजी कोल ब्लॉक के लिए क्षेत्रीय प्रमुख क्षेत्रीय कार्यालय खनिज संचालनालय को अधिकृत किया गय है।

ये अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी और संबंधित जिलों के खनिज अमले के साथ कार्यवाही करेंगे। कोल कंट्रोलर कोलकत्ता के एसओपी के अनुसार नमूने एकत्र करेंगे और उनका रासायनिक विश्लेषण कराएंगे। प्राप्त परिणामों के अनुरुप कोयला ग्रेड निर्धारित किये जाने की अनुशंसा संचालक खनिज को भेजेंगे। इस संबंध में आवश्यक सहयोग कोल कंट्रोलर के क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त करेंगे। प्रभार से संबंधित जिलों में स्थ्ति निजी क्षेत्र के कोयला ब्लॉक के संबंध में सभी आवश्यक अभिलेखों का संधारण करेंगे।

मध्यप्रदेश में उत्पादित होंने वाले कोयले के ग्रेडिंग तय करने के लिए मध्यप्रदेश के अफसर जांच, विश्लेषण करेंगे तो राज्य सरकार प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए उपयोगी कोयला मध्यप्रदेश में ही रखने के लिए केन्द्र सरकार के समक्ष अपना दावा कर सकेगी। इससे प्रदेश सरकार का अन्य राज्यों से कोयला बुलाने पर लगने वाला परिवहन का अतिरिक्त खर्च भी बच सकेगा।

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