बुलंदशहर
कोरोना काल में जहां कुछ लोगों ने अपनों के शवों से किनारा कर खून के रिश्तों को शर्मसार कर दिया हो, वहीं कुछ लोगों ने इंसानियत की मिसाल कायम की है। ऐसा ही एक मामला बुलंदशहर में भी सामने आया है। अहमदगढ़ थाना क्षेत्र के गांव डोमला हसनपुर निवासी राकेश पुत्र हरपाल तमिलनाडु प्रान्त के चेन्नई में एक हलवाई की दुकान पर नौकरी करता था। राकेश 8 फरवरी को चेन्नई गया था। अचानक रविवार को राकेश की तबियत खराब हुई। आनन फानन में राकेश को वहां के अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मालिक ने राकेश के शव का मेडिकल भी कराया। लॉकडाउन की वजह से राकेश के शव को तमिलनाडु से बुलंदशहर पहुंचाने में दिक्कत आ रही थी।
इसलिए राकेश के मालिक ने शव के साथ उसी के गांव के दो मजदूरों का टिकट कराकर इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली पालम एयरपोर्ट पर भिजवा दिया। एयरपोर्ट पर जिला पंचायत सदस्य अमन चौधरी ने एम्बुलेन्स की व्यवस्था कराकर शव को घर पहुंचवाया। जैसे ही राकेश का शव घर पहुंचा परिजनों में कोहराम मच गया।
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