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गीता को महाराष्ट्र में मिली असली मां, डीएनए जांच हुई पुष्टि

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नई दिल्ली
पाकिस्तान से वापस आई भारती की मूक बधिर लड़की गीता को अपनी मां मिल गई। उसे महाराष्ट्र के नैगांव में अपनी मां के पास भेज दिया गया है। इसकी पुष्टि पाकिस्तान की उस सामाजिक कल्याण संस्था ईधी फाउंडेशन ने भी की है जिसने गीता को अपने यहां आसरा दिया था। वो गलती से पाकिस्तान चली गई थी और उसे 2015 में भारत वापस लाने का इंतजाम तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था।

मां ने कर ली है दूसरी शादी
गीता को अपने असली माता-पिता ढूंढने में करीब साढ़े चार साल का वक्त लगा और इसकी पुष्टि डीएनए जांच के जरिए की गई है। गीता की मां का नाम मीना है जबकि उसके असली पिता की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। गीता की मां मीना ने दूसरी शादी कर ली है।

पाकिस्तानी अखबार में भी छपी खबर
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार 'द डॉन' ने खबर दी है कि ईधी वेलफेफेयर ट्रस्ट के पूर्व प्रमुख दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी ने बताया कि गीता को महाराष्ट्र में उसकी असली मां से मिला दिया गया है। बिलकिस ने बताया, “वह मेरे संपर्क में थी और इस सप्ताहांत उसने मुझे अपनी असली मां से मिलने की अच्छी खबर दी।” उन्होंने बताया, “उसका (लड़की का) असली नाम राधा वाघमारे है और उसे उसकी असली मां महाराष्ट्र राज्य के नैगांव में मिली।”

ईधी फाउंडेशन ने दी यह जानकारी
बिलकिस के मुताबिक, उन्हें गीता एक रेलवे स्टेशन से मिली थी और जब वह 11-12 साल की रही होगी। उन्होंने उसे कराची के अपने केंद्र में रखा था। उन्होंने कहा,“वह किसी तरह से पाकिस्तान आ गई थी और जब कराची में हमें मिली थी तो वह बेसहारा थी।” बिलकिस ने बताया कि उन्होंने उसका नाम फातिमा रखा था लेकिन जब उन्हें मालूम चला कि वह हिंदू है तो उसका नाम गीता रखा गया। हालांकि वह सुन और बोल नहीं सकती है।

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