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 सुभाष चंद्र बोस के योगदान को भुलाने के लिए रची गईं साजिश: अमित शाह

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नई दिल्ली
विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। शुक्रवार को अमित शाह कोलकाता की नेशनल लाइब्रेरी में आयोजित शौर्यांजलि कार्यक्रम में पहुंचे और पूर्व की सरकारों पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भुलाने का आरोप लगाया। अमित शाह ने कहा, 'देश की आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को भुलाने के लिए काफी साजिशें रची गईं। हालांकि इन सब कोशिशों के बावजूद सुभाष चंद्र बोस का जीवन और संघर्ष देश की पीढ़ियों को प्रेरणा दे रहा है। देश को नेताजी से बहुत लगाव है और उनकी बहादुरी के लिए युगों-युगों तक उन्हें याद करता रहेगा।' आपको बता दें कि अमित शाह के कोलकाता दौरे का आज आखिरी दिन है। 

इस दौरान अमित शाह ने नेशनल लाइब्रेरी से झंडी दिखाकर एक साइकिल यात्रा को भी रवाना किया। शौर्यांजलि कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है, जो यह तय करेगी कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को कैसे सही श्रद्धांजलि दी जाए। सरकार का मकसद है कि आने वाली पीढ़ियां समय-समय पर नेताजी के बलिदान को याद करें। मैं देश के युवाओं से कहना चाहता हूं कि आपको नेताजी के जीवन के बारे में पढ़ना चाहिए। उनकी जीवन यात्रा आपको बहुत कुछ सिखाएगी।' 'आज इतिहास को अपने नजरिए से समझने की जरूरत' अमित शाह ने अपने भाषण में आगे कहा, 'सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को मनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला देश में एक बड़ा बदलाव लाएगा। 

आज नेशनल लाइब्रेरी से तीन साइकिल यात्राएं शुरू हुई हैं, इनमें से एक का नाम नेताजी के नाम पर, एक का नाम रास बिहारी बोस के नाम पर और एक का नाम खुदीराम बोस के नाम पर होगा। ये साइकिल यात्राएं पश्चिम बंगाल में गांव-गांव जाकर लोगों के बीच स्वतंत्रता सेनानियों का संदेश देंगी। आज हमें हमारे इतिहास को अपने नजरिए से समझने की जरूरत है। जब भारत आजादी के 75 साल पूरे करेगा, तो हम अगले 75 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे और भारत को विश्व स्तर पर शीर्ष पर लेकर जाएंगे।' 

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