मध्य प्रदेश

स्वच्छ विद्यालय अभियान की खुली कलई, कैग को सौंपी निरीक्षण दल ने रिपोर्ट

9Views

भोपाल
प्रदेश के 41 जिलों में स्वच्छ विद्यालय अभियान की कलई खुल गई है।  इस अभियान के दौरान बनाए गए 22 हजार से अधिक शौचालयों में घटिया निर्माण सामने आया है। इनमें से अधिकांश शौचालयों में ना तो पानी की व्यवस्था है ना ही उचित रखरखाव पाया गया है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय और कैग की आपत्ति के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने इन जिलों के कलेक्टरों से इसको लेकर जवाब मांगा है।

स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) से अनुबंध के बाद बालक एवं बालिका शौचालय स्वीकृत किए गए थे। जिलों को इसके लिए भरपूर राशि भी केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से मिली थी। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर इन शौचालयों का निरीक्षण कराया गया।  निरीक्षण दल ने कैग को अपनी रिपोर्ट पेश की है। इसमें 21 हजार 22 शौचालय ऐसे मिले है जिनमें घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया जिसके चलते वे समय से पहले जीर्ण-शीर्ण हो गए है।

इन शौचालयों के निरीक्षण में यह जानकारी भी सामने आई कि यहां बालक-बालिकाओं के लिए पानी का पर्याप्त इंतजाम ही नहीं किया गया है। कई जगह तो पानी ही उपलब्ध नहीं है। सभी शौचालयों का निर्माण तो हो गया लेकिन आगे उनके रखरखाव की पर्याप्त व्यवस्था ही नहीं की गई। इसके चलते ये शौचालय गंदे, बदबूदार पाए गए है। कई शौचालय तो बंद मिले है।

कैग के प्रतिवेदन के आधार पर राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू एस ने 41 जिलों के कलेक्टरों को नोटिस भेजा है। इसमें अलीराजपुर, अशोकनगर, बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, दतिया, धार, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, कटनी,खंडवा, खरगौन, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, रीवा,सागर, सतना, सीहोर,सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन और विदिशा कलेक्टर शामिल है।

सभी कलेक्टरों से कहा गया है कि गूगल शीट पर इन सभी शौचालयों का शत प्रतिशत भौतिक सत्यापन करें और उन्हें शुरू कराएं। यह सारी जानकारी 20 फरवरी तक कलेक्टरों से मांगी गई है। इसके बाद राज्य सरकार केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेजेगी।

admin
the authoradmin