मध्य प्रदेश

एक्सीलेंस कालेज का डायरेक्टर बनने एक दर्जन प्रिंसिपल अमाने सामने

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भोपाल
प्रदेश के एकमात्र एक्सीलेंस कॉलेज में डायरेक्टर की नियुक्ति विश्वविद्यालयों के कुलपति की तर्ज पर की जाना है। इस नियुक्ति प्रक्रिया में केवल प्राचार्य ही भाग ले सकते हैं। लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के 513 कॉलेजों में रेगुलर प्राचार्यों की संख्या मात्र लगभग 30 है। इनमें से भी अभी केवल एक दर्जन प्राचार्यों ने ही आवेदन किए हैं। ऐसे में कम संख्या के चलते काम्पटिशन खत्म हो गया है।

उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक्सीलेंस कॉलेज में योग्य प्राचार्य की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विश्वविद्यालयों के कुलपति चयन प्रक्रिया की तरह तीन सदस्यीय सर्च कमेटी का गठन भी किया गया है। कमेटी तीन नामों का पैनल भेजेगी। इसमें से उच्च शिक्षामंत्री एक नाम का चयन करेंगे। इसके बाद विभाग प्राचार्य का नियुक्ति आदेश जारी करेगा। डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए विभाग ने जो योग्यता तय की है, उसमें आवेदक का किसी सरकारी कॉलेज में रेगुलर कॉलेज में प्राचार्य होना अनिवार्य है। लेकिन विभाग द्वारा लंबे समय से न तो प्रमोशन किया गया है और न ही रेगुलर प्राचार्यों की नियुक्ति की गई है। ऐसे में 513 सरकारी कॉलेजों में से गिनेचुने कॉलेजों में ही रेगुलर प्राचार्य बचे हैं। इनमें से कई प्राचार्य आगे नौकरी करने के मूड में नहीं है। संभवत: यही वजह है कि अभी लगभग 11 आवेदन ही आए हैं।

ऐसे चलेगी प्राचार्य चयन की प्रक्रिया
एक्सीलेंस कॉलेज के प्राचार्य की नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में आयुक्त और एक सेवानिवृत्त प्राचार्य को सदस्य बनाया गया है। प्राचार्य और प्रोफेसरों को आवेदन करने के लिए योग्यता व अनुभव साबित करनी होगी। इसकी स्क्रूटनी सर्च कमेटी द्वारा की जाएगी। आवेदनों में से तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा। सर्च कमेटी नामों का पैनल उच्च शिक्षा मंत्री के समक्ष रखेगी। मंत्री पैनल में से किसी एक उम्मीदवार के नाम को अनुमोदित करेंगे।

अभी तक प्रोफेसर व अधिकारी बन जाते थे प्राचार्य
एक्सीलेंस कॉलेज में अभी तक विभाग द्वारा कॉलेज के किसी प्रोफेसर या अधिकारी को प्राचार्य का प्रभार दे दिया जाता था। इसमें उनकी योग्यता नहीं देख जाती थी। इस कारण न तो प्रशासनिक व अकादमिक निर्णय हो पाते थे और न ही शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाता था।

इनका कहना है
एक्सीलेंस कॉलेज में सरकार ने पूर्णकालिक व योग्य डायरेक्टर की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इससे कॉलेज की व्यवस्थाएं और शिक्षा की गुणवत्ता उसके नाम की तरह एक्सीलेंस होंगी। इसके लिए कॉलेजों में पर्याप्त प्राचार्य हैं, जिनके आवेदन आ रहे हैं।
-अनुपम राजन, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग

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