मध्य प्रदेश

कोविड 19 में अच्छा परफार्म करने वालों को मिलेगा अवार्ड

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भोपाल
प्रदेश में ई गवर्नेंस के लिए काम करने वाले कलेक्टरों और विभागों से राज्य सरकार ने 6 श्रेणियों के लिए आॅनलाइन नामांकन मांगे हैं। सभी विभागों को यह नामांकन 26 फरवरी के पहले भेजना होगा जिसे भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत पेंशन मंत्रालय, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीपीआरपीजी) को चयन के लिए भेजा जाएगा।

ई गवर्नेंस में अच्छा परफार्म करने वाले अफसरों और विभागों से जिन कैटेगरी में नामांकन मांगे गए हैं, उनमें छह कैटेगरी घोषित हैं। इसमें पहली कैटेगरी एक्सीलेंस गवर्नमेंट प्रोसेस री इंजीनियरिंग फॉर डिजिटल ट्रांसफार्मेशन, दूसरी यूनिवर्सलाइजिंग एक्सेस इन्क्लूडिंग ई सर्विसेस, तीसरी एक्सीलेंस इन डिस्ट्रिक्ट लेवल इनिशियेटिव इन ई गवर्नेंस और चौथी कैटेगरी आउटस्टैंडिंग रिसर्च आॅन सिटिजन सेंट्रिक सर्विसेस बाय एकेडमिक /रिसर्च इंस्टीट्यूशंस है। इसी तरह पांचवीं कैटेगरी एक्सीलेंस इन एडाप्टिंग इमर्जिंग टेक्नालाजीस और छठी कैटेगरी यूज आॅफ आईसीटी इन द मैनेजमेंट आॅफ कोविड 19 घोषित की गई है। प्रोजेक्ट सोशल और इकोनामिक डोमेन में डेवलपमेंट से जुड़ा होना चाहिए।

छह कैटेगरी के अवार्ड में कैटेगरी चार और पांच में गोल्ड और सिल्वर अवार्ड तय किए गए हैं। गोल्ड अवार्ड में सर्टिफिकेट और दो लाख रुपए का विभाग, संस्था या संगठन को अवार्ड दिया जाएगा। सिल्वर अवार्ड में सर्टिफिकेट और एक लाख रुपए नकद अवार्ड के तौर पर दिए जाएंगे। इसके अलावा कैटेगरी एक, दो, तीन और छह में 6 अवार्ड दिए जाएंगे। हर तीन सब कैटेगरी में दो अवार्ड मिलेंगे।

इस अवार्ड का उद्देश्य ई गवर्नेंस का एरिया रिकाग्नाइज करना, डिजाइनिंग एंड इम्प्लीमेंटिंग सस्टेनेबल ई गवर्नेंस इनिशियेटिव लेना और ई गवर्नेंस इनोवेशन को सफल बनाना तथा समस्याओं का निराकरण कर इसकी प्लानिंग को बढ़ावा देने का है। इसके अधिकाधिक उपयोग के लिए राज्यों को प्रेरित करना है। पब्लिक डिलीवरी सिस्टम को ट्रांसपैरेंट, एफिसिएंट और रिस्पांसिव बनाने और टेक्नालाजी का अधिकाधिक इस्तेमाल को बढ़ावा देने का भी है। इसके लिए केंद्र के साथ राज्यों में जिला और स्थानीय प्रशासन के अफसरों को नामांकन भेजने का अधिकार दिया गया है। नामांकन के लिए 30 सितम्बर 2018 से 30 सितम्बर 2020 की अवधि में किए गए ई गवर्नेंस के काम शामिल किए जा सकेंगे।

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