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मध्य प्रदेश

CM शिवराज ने निर्देश के बावजूद अफसर बरत रहे लापरवाही, कहीं कम तौल तो किसी ने एंट्री के मांगे पैसे

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भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों के पालन को लेकर 13 जिलों के कलेक्टरों की लापरवाही सामने आई है। इन जिलों में खरीद केंद्रों में धान बेचने पहुंचे किसानों से तौल और सिलाई के नाम पर 4500 रुपये तक की रिश्वत ली जा रही है।

यह स्थिति खुद किसानों ने राज्य सरकार से की गई शिकायत में बयां की है। किसानों ने कहा है कि एक क्विंटल धान की खरीद पर 14 से 20 रुपए तक तुलाई और दो रुपए बोरी के हिसाब से सिलाई वसूली जा रही है। इतना ही नहीं कई खरीद केंद्रों में किसानों के धान इसलिए नहीं तौले जा रहे क्योंकि उनके द्वारा तुलाई केंद्र के कर्मचारियों को तौल की एंट्री के लिए मांगी जाने वाली अवैध राशि नहीं दी जा रही है।

किसानों की शिकायतों के बाद खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि किसानों से अवैधानिक तरीके से राशि की मांग करने और उनके भुगतान में आनाकानी करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करें। राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम को मिली 61 शिकायतों में सर्वाधिक मामले सतना जिले के बताए जा रहे हैं। इसके अलावा विन्ध्य के अन्य जिलों में भी उपार्जन केंद्रों में किसानों से अवैध वसूली की शिकायतें मिली हैं, जिस पर कार्यवाही नहीं हो सकी है। इस मामले में सीएम चौहान आज होने वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी कलेक्टरों से सवाल कर सकते हैं।

जिन जिलों में किसानों के साथ व्यापारियों, तुलावटियों व खरीद केंद्र के कर्मचारियों की शिकायतें सामने आई हैं, उनमें अनूपपूर, उमरिया, कटनी, दमोह, पन्ना, मंडला, मुरैना, रीवा, शहडोल, सतना, सिंगरौली, सिवनी और सीधी जिले शामिल हैं। बताया गया कि इसमें सबसे अधिक 90 प्रतिशत शिकायतें सतना जिले से मंत्री रामखेलावन पटेल के क्षेत्र में बनाए गए खरीदी केंद्रों में आई हैं।

सीएम चौहान ने 4 जनवरी को हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टरों से कहा था कि जिन उपार्जन केंद्रों में तुलाई के लिए पैसे की मांग की जा रही है और तुलाई में गड़बड़ी है, वहां ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। सीएम चौहान ने इस मामले में फरवरी में भी अधिकारियों को चेताया। तब जाकर आनन-फानन कार्यवाही शुरू की गई है।

खरीद केंद्रों में तौल और अन्य तरह की शिकायतें कई जिलों में सामने आई हैं। इसको लेकर कलेक्टरों को पत्र लिखकर जवाब मांगा था। कई जिलों ने जवाब भी भेज दिया है।
तरुण पिथोड़े, संचालक, खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग

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