कहते हैं कि रोज तुलसी का पत्ता लेने से शरीर को 100 तरह के रोगों से सुरक्षा मिलती है। गर्भावस्था में मां और बच्चे दोनों को स्वस्थ रहना होता है जिसमें तुलसी मदद कर सकती है।
तुलसी एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है जिसमें अनेक औषधीय गुण होते हैं। तुलसी के पौधे की हरी पत्तियों को सूप, सलाइ और कई अन्य व्यंजनों में डाल सकते हैं। इसके अलावा तुलसी में प्रोटीन, कई तरह के विटामिन, फाइबर, खनिज पदार्थ और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। यही वजह है कि तुलसी गर्भवती महिलाओं के लिए किसी सुपरफूड से कम नहीं है।
तुलसी में प्रचुर मात्रा में विटामिन के होता है जो कि गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु की सेहत का ध्यान रखने में अहम भूमिका निभाता है। विटामिन के खून के थक्के बनाने और खून को बहने से रोकता है।
तुलसी में विटामिन ए उच्च मात्रा में होता है जो बच्चे के विकास में मदद करता है। विटामिन ए दिल, आंखों, फेफड़ों और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के विकास को बढ़ावा देता है।
तुलसी में कई तरह के विटामिन होते हैं जैसे कि विटामिन ई, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, नाइसिन और कई अन्य प्रकार के विटामिन होते हैं। इस जड़ी बूटी में जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज और पोटेशियम होता है।
तुलसी में मौजूद सभी जरूरी विटामिनों और खनिज पदार्थों से इम्यूनिटी बढ़ती है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। गर्भावस्था में महिलाओं की इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है इसलिए इस समय उनके लिए तुलसी बहुत लाभकारी साबित हो सकती है।
तुलसी में मैंगनीज होता है जो कि शिशु की हड्डियों और कार्टिलेज को बनाने में सहायता करता है। मैंगनीज एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है एवं गर्भवती महिलाओं में सैलुलर डैमेज को रोकता है।
आपको जानकर खुशी होगी कि तुलसी गर्भवती महिलाओं को एनीमिया और खून की कमी से भी बचाती है। प्रेग्नेंसी में एनीमिया का खतरा ज्यादा रहता है जिसे तुलसी की मदद से कम किया जा सकता है।
तुलसी आयरन से युक्त होती है जो कि हीमोग्लोबिन को बढ़ाने और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इससे एनर्जी बढ़ती है और थकान भी दूर होती है।
तुलसी में फोलिक एसिड होता है जो कि प्रेग्नेंसी में खून की मात्रा को बढ़ाने में सहायक है। फोलिक एसिड शिशु को कुछ प्रकार के जन्म विकारों से भी बचाता है।
गर्भवती महिला को इस समय किसी भी चीज का सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। तुलसी के अधिक सेवन के कारण ब्लड शुगर का लेवल गिर सकता है। तुलसी में एगुनाले होता है जो अधिक होने पर दिल की धड़कन को तेज कर सकता है और गले एवं मुंह में जलन पैदा कर सकता है।
इसकी वजह से दौरे, चक्कर आना और पेशाब में खून आने की शिकायत भी हो सकती है। इस बात का ध्यान रखते हुए ही गर्भवती महिलाएं तुलसी का सेवन करें।
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