देश

देशव्यापी चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से हुआ खत्म

 
नई दिल्ली

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान देशभर में लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में किसानों ने शनिवार (6 फरवरी) को तीन घंटे, दोपहर 12 से तीन बजे तक देशभर में चक्का जाम किया। नेशनल और स्टेट हाइवे पर किसानों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। देशभर में किसानों के इस चक्का जाम का असर देखा गया। किसानों का तीन घंटे का ये चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हुआ।
 
हरियाणा में पलवल, जींद और दूसरे शहरों में किसानों ने जाम लगाया गया। वहीं शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी चक्का जाम रहा। पंजाब में अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे समेत ज्यादातर जगहों पर किसानों का चक्का जाम है। जम्मू-कश्मीर में किसान संगठनों के चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे जाम किया है।

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में चक्का जाम का ज्यादा असर देखने को मिला। कर्नाटक, तेलंगाना और दक्षिण के दूसरे राज्यों में भी रास्ते जाम रहे। राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इसका असर कम रहा। इसकी वजह ये भी है कि भारतीय किसान यूनियन ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम ना करने का फैसला किया था।

दिल्ली में चक्का जाम को देखते हुए सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम किए गए। दिल्ली एनसीआर में करीब 50 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। शहीदी पार्क पर किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में भी लिया। कई दूसरे शहरों में भी किसानों के समर्थन में निकले लोगों को डिटेन किया गया।

बता दें कि केंद्र सरकार बीते साल जून में तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन जून, 2020 से नवंबर तक मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में चल रहा था। सरकार की ओर से प्रदर्शन पर ध्यान ना देने की बात कहते हुए 26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली के लिए कूच कर दिया। इसके बाद 26 नवंबर, 2020 से देशभर के किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं।

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