उत्तर प्रदेश

 पूरे यूपी में लागू होगी अटल भूजल योजना: सीएम योगी आदित्यनाथ

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 लखनऊ  
अटल भूजल योजना अब पूरे प्रदेश में लागू होगी। इसके तहत पानी बचाने पर जोर दिया जाएगा। अभी यह योजना राज्य के दस जिलों में लागू है। वहां से उत्साहवर्द्धक नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे समूचे प्रदेश में लागू करने का ऐलान किया है। इसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बूंद-बूंद पानी सहेजने की अपील करते हुए कहा कि भूगर्भ जल बचत के उन रुपयों की तरह है, जो न केवल हमारा आत्मविश्वास बनाये रखते हैं, बल्कि गाढ़े समय में काम आते हैं। मुख्यमंत्री रविवार को विभिन्न जिलों में तैयार 278 चेकडैम और तालाबों का लोकार्पण कर रहे थे। 

अब ऑनलाइन कूप पंजीयन प्रमाणपत्र  
मुख्यमंत्री ने भूगर्भ जल विभाग द्वारा विकसित वेब पोर्टल http://upgwdonline.in/ का औपचारिक लोकार्पण भी किया। सीएम ने कहा कि यह पोर्टल प्रत्येक ब्लॉक में कूप पंजीयन, अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गमन, ड्रिलिंग एजेंसी के पंजीयन और विभिन्न विभागीय समस्याओं के निराकरण के लिए एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफार्म है। अब तक इन कार्यों के लिए केंद्रीय एजेंसी के पास जाना होता था, लेकिन अब घर बैठे ही आवेदन कर प्रमाण पत्र लिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि घरेलू और कृषि कार्यों में कूप के प्रयोग पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगेगा। 

सीएम योगी ने कहा है कि 1994 में सर्वे हुआ था। फिर राज्य सरकार ने नया अधिनियम बनाया। सभी शासकीय भवनों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ने का निर्णय लिया। हर नदी-नाले के पानी को बचाने, वर्षा जल के संचयन, तालाबों के पुनरुद्धार का निर्णय लिया। मिशन रूप में हुए काम का नतीजा मिला कि दिनों-दिन स्थिति में सुधार हो रहा है। क्रिटिकल और सेमी क्रिटिकल क्षेत्रों की संख्या कम हो रही है। भूगर्भ जल स्तर बढ़ रहा है। सीएम ने जल प्रबंधन के लिए प्रेरणादायी कार्य कर रही समितियों के प्रतिनिधियों से भी संवाद किया। औरैया के शिवनाथ सिंह ने कहा कि उनकी ग्राम पंचायत में चेकडैम के निर्माण के बाद जलस्तर में सुधार हुआ है। जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि नवलोकर्पित चेकडैम और तालाबों की जियो टैगिंग कराई गई है। इससे इनकी मॉनीटरिंग सुगमता से की जा सकेगी। 

चेक डैम, छोटे तालाब बनेंगे, उद्योगों को भूजल के लिए शुल्क देना होगा
– योजना के तहत जल संचयन एवं प्रबंधन के कार्य होंगे। बंधे, चेक डैम, तालाब, छोटे जलाशय, छोटी-छोटी बंधियों का निर्माण होगा।
– अभी 10 जिलों के उद्योग भूजल इस्तेमाल के लिए शुल्क दे रहे हैं, अब पूरे प्रदेश के उद्योगों को देना होगा। 
– पानी बर्बाद करने पर उद्योगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भारी जुर्माना लगेगा। 
– जल के कृषि एवं घरेलू उपयोग पर कोई शुल्क नहीं है, न ही किसी दुरुपयोग पर दंड का प्रावधान है।
– पानी की बर्बादी रोकने के लिए स्प्रिंकलर एवं ड्रिप एरिगेशन का ज्यादा इस्तेमाल होगा। कम पानी वाले फसलों की खेती पर जोर।  
– ये सभी पहल ग्राम पंचायत स्तर पर किए जाएंगे, ताकि अधिक जल का प्रबन्धन हो सके।

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