मध्य प्रदेश

रेत ठेकेदारों के लिए ठेका धन जमा करने में रियायत, त्रैमासिक की जगह मासिक शुल्क करना होगा जमा

भोपाल
कोरोना काल में कारोबार में घाटा उठाने वाले रेत ठेकेदारों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने उन्हें ठेका धन जमा करने में  रियायत देने का निर्णय लिया है। अब उन्हें एडवांस में दिए जाने वाले त्रैमासिक की शुल्क की जगह हर माह केवल मासिक शुल्क जमा करना होगा। बाकी शुल्क पर 6.65 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आज इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

कैबिनेट बैठक में आज मध्यप्रदेश रेत खनन परिवहन भंडारण एवं  व्यापार नियम 2019 के तहत रेत खनिज के स्वीकृत ठेकों को कोविड 19 महामारी के कारण ठेका धन के भुगतान में शिथिलता प्रदान करने के प्रस्ताव अनुसमर्थन किया गया। कोरोना काल में रत खनन और परिवहन का काम भी प्रभावित हुआ था। इसके चलते राज्य सरकार ने रेत ठेकेदारों के लिए राहत पैकेज जारी किया था। इसमें लॉकडाउन अवधि 22 मार्च 2020 या अनुबंध की अवधि जो भी बाद में हो से वास्तविक खनन पर ही राशि ली जाएगी। किस्त राशि में से वास्तविक खनन  की मात्रा पर वसूली गई राशि का समायोजन करते हुए शेष राशि को बिना ब्याज लिए विलंबित किया जाएगा। इसकी वसूली छह समान किस्तों में एक नवंबर 2020 से हर तीसरे माह एक जनवरी 2022 तक नियमित किस्तों में दी जाएगी। पैकेज के इस प्रावधान में दिक्कत आई और नवंबर 2020 की किस्त ठेकेदार समय पर जमा नही कर पाए।

अनुबंध की किस्त और राहत पैकेज की दूसरी किस्त का भुगतान जनवरी में किया जाना है। इसमें भी परेशानी आ रही है। इसे देखते हुए यह प्रस्तावित किया गया है कि भुगतान में विलंब के लिए 6.65 प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जाए और  मासिक किस्त की सुविधा बहाल रखी जाए। जो ठेकेदार त्रैमसिक कि स्त जमा करना चाहेंगे उन्हें बकाया राशि परब्याज नहीं देना होगा। लेकिन जो मासिक किस्त का विकल्प चुनेंगे उन्हें जनवरी में एक माह की किस्त और शेष दो महीने की राशि पर 6.65 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।

इसके अलावा खंडवा के सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रतन खंडेलवाल की विभागीय जांच शुरु करने, न्यायालयीन निर्णय के अनुपालन में खंडवा के वनक्षेत्रपाल किशोर सिंह राजपूत की पेंशन स्थायी रूप से रोकने और रीवा के कार्यपालन यंत्री  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी वीके द्रविड़ की विभागीय जांच शुरु करने के मामलों पर भी विचार कर निर्णय लिए गए।

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