बैन के बावजूद रोजाना बेची 9 लाख की शराब, स्पोर्ट्स बाइक-लग्जरी गाड़ी से करता था खेल
पटना
कम समय में ज्यादा कमाई का सपना पाले 28 वर्षीय एक एमबीए ग्रेजुएट ने ऐसा रास्ता चुना, जिसमें उसे शुरुआत में तो अच्छी कामयाबी मिली। वह एक दिन में 9 लाख रुपये तक की कमाई करने लगा। उसने लग्जरी कार, स्पोर्ट्स बाइक तक खरीद ली। लेकिन जल्दी ही पुलिस ने उसके पूरे खेल का खुलासा कर दिया। अब ये शख्स सलाखों के पीछे पहुंच गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वो शख्स बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध रूप से शराब तस्करी में शामिल (Illicit Liquor Smuggler) था। जिसे पुलिस (Bihar Police) ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के हत्थे चढ़े इस शख्स की पहचान अतुल सिंह के तौर पर हुई है। वह नोएडा के प्राइवेट यूनिवर्सिटी से एमबीए का ग्रेजुएट है। बताया जा रहा कि उसने पढ़ाई के बाद जल्दी पैसे कमाने के लिए बिहार में अवैध शराब की तस्करी शुरू कर दी। किस्मत ने भी उसका साथ दिया उसने तस्करी के जरिए एक लग्जरी कार, आई-फोन, करीब 8 लाख की स्पोर्ट्स बाइक भी ले लिया। हालांकि, उसकी किस्मत को उस समय करारा झटका लगा जब गुरुवार और शुक्रवार की रात को पटना के पत्रकारनगर पुलिस ने उसे महात्मा गांधी नगर में स्थित एक किराये के मकान से उसे गिरफ्तार कर लिया।
इस कार्रवाई में पुलिस ने आरोपी अतुल के घर से करीब 21 लाख रुपये की 1100 लीटर से ज्यादा शराब जब्त की है। पत्रकारनगर पुलिस थाने के एसएचओ, मनोरंजन भारती ने कहा कि अतुल के कब्जे से बरामद एक डायरी से खुलासा हुआ कि वह शहर के अलग-अलग हिस्सों में रोजाना 9 लाख रुपये की शराब बेचता था। पुलिस ने उसके किराए के घर से उसके बैंक पासबुक और पैसों के लेनदेन से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए हैं। पुलिस पूछताछ में अतुल ने बताया कि वह पटना ग्रामीण के अलावलपुर गांव का रहने वाला है। उसने बताया कि पटना में शराब की खेप पहुंचाने के लिए वह बेरोजगार युवकों को डिलीवरी एजेंट के रूप में काम पर रखा था। पुलिस के अनुसार, अतुल इन युवाओं को शराब की डिलीवरी के लिए 500 रुपये देता था। करीब 30 से 40 युवा उसके साथ इस अवैध व्यापार में शामिल थे। पुलिस ने अतुल के दो साथियों इंद्रजीत सिंह और संजीव कुमार की पकड़ा, उनसे पूछताछ में हुए खुलासे के बाद अतुल के लिए जाल बिछाया। शुरुआत में, अतुल ने नोएडा स्थित एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से एमबीए छात्र बताकर अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की।
पुलिस ने बताया कि उसने यूनिवर्सिटी का अपना आईडी कार्ड दिखाया। लेकिन छापेमारी टीम को मिले दूसरे सबूतों के बाद उसे अपना अपराध कबूल करना पड़ा। उसके पास से बरामद एक बैग में 1.75 लाख रुपये नकद मिले थे। उस दो कमरे भी लिए थे जिसमें वह शराब की खेप रखता था। यहीं से वह शराब की डिलीवरी कराता था। पुलिस ने अतुल के साथ-साथ उसके सहयोगी विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी मनेर थाने के पांडेयपुर तिलहारी गांव से हुई। सभी अवैध शराब के कारोबार में शामिल हैं। शुक्रवार को अतुल उसके सहयोगी संजीव कुमार इंद्रजीत कुमार को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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