रायपुर
प्रस्तावित तिल्दा-नेवरा विकास योजना का प्रारूप आगामी वर्ष 2031 को ध्यान में रखकर किया जाना है। इसके लिए सुव्यवस्थित अधोसरंचना, पेयजल, उद्योगों का विकास, पर्यावरण की सुरक्षा, मनोरंजन के साधन, खेलकूद के लिए पर्याप्त जगह आदि को ध्यान में रखकर किया जाएगा। लोंगो के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त अधोसरंचना का प्रावधान किया जाएगा। दीर्घकालीन पर्यावरणीय तथा उद्योग आधारित सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में सुधार कर क्षेत्र की भावी आवश्यकताओ की पूर्ति करने वाले केंद्र के रूप में तिल्दा-नेवरा निवेश क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
कलेक्टर डॉ एस. भारतीदासन ने कलेक्टोरेट के रेडक्रास सोसायटी सभाकक्ष में तिल्दा-नेवरा विकास योजना प्रारूप के लिए गठित समिति के सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा करते हुए ये बातें कहीं। ज्ञात हो राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम,1973 की धारा17(क) के अन्तर्गत तिल्दा-नेवरा निवेश क्षेत्र की विकास योजना तैयार करने हेतु समिति गठित की गयी है। तिल्दा-नेवरा निवेश क्षेत्र के उत्तर में ग्राम बिलाड़ी तथा खपरीकला ग्राम की उत्तरी सीमा, पश्चिम में ग्राम टंडवा, भुरसुदा,परसदा तथा बिलाड़ी ग्राम की पश्चिमी सीमा तक, दक्षिण में ग्राम सिरवे, बहेसर,कुंदरू तथा टंडवा ग्राम की दक्षिणी सीमा तक और पूर्व में ग्राम खपरीकला,सिनोधा,नेवरा,कोहका तथा सिरवे ग्राम की पूर्वी सीमा तक निर्धारित की गई है। बैठक में समिति के सदस्यगण तथा नगर एवं ग्रामीण निवेश विभाग के संयुक्त संचालक उपस्थित थे।
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