छत्तीसगढ़

आॅनलाइन प्रवचन में संकर्षण महाराज ने कहा – सबके मन में त्याग की भावना से आएगा रामराज्य

रायपुर
आॅनलाइन प्रवचन के माध्यम से संकर्षा महाराज ने भक्तों को बताया कि प्रेम से ही सब को जीता जा सकता है, त्याग की भावना हर किसी के मन में होनी चाहिए तभी खुशहाली आएगी और रामराज्य की स्थापना होगी। रामायण की कथा हर किसी के त्याग की कथा है। श्रीराम ने राज्य त्याग दिया, माता सीता ने प्रभु की सेवा के लिए राजसी सुखों को त्याग दिया, लक्ष्मण ने प्रभु सेवा के लिए सुख और वैभव त्याग दिए, भरत ने श्रीराम की चरण पादुकाएं रखकर अयोध्या का शासन संभाला और श्रीराम के वापस आते ही उन्हें पूरा राज्य सौंप दिया। शत्रुध्न ने पूरे परिवार को संभाला। बिना प्रेम के जीवन में महाभारत ही होती है, जैसे दुर्योधन ने की थी। आॅनलाइन प्रवचन में छत्तीसगढ़ से काफी संख्या में भक्तगण शामिल हो रहे हैं और प्रवचन के बाद भजन कीर्तन करके नित्य प्रार्थना का संकल्प भी लिया जा रहा हैं।

संकर्षण महाराज ने भगवान श्रीराम और भरत के त्याग और प्रेम का वर्णन करते हुए बताया कि जीवन में किस तरह का प्रेम होना चाहिए। एक दूसरे के प्रति त्याग की भावना होनी चाहिए। प्रेम से सब को जीता जा सकता है, सभी प्रेम के आगोश में आ जाते हैं, लेकिन प्रेम का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। सुदामा और कृष्ण के प्रेम की व्याख्या करते हुए बताया कि प्रेम में कभी किसी को हम देते हैं, तो छुपा कर देते हैं। प्रदर्शन नहीं करते, देते समय अहंकार नहीं करना चाहिए। यदि अहंकार आ जाए, तो सब कुछ नष्ट होते देर नहीं लगती। परिवार में आपस में एक दूसरे के प्रति त्याग और प्रेम का होना आवश्यक है, तभी वहां पर रामराज्य होगा। सब सुखी रहेंगे, यदि हम किसी से ईर्ष्या करें, तो अपने बुराई से करें, मोह करें तो परमात्मा से करें।

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