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छत्तीसगढ़

घूम-घूमकर खोजे जा रहे हैं टीबी के मरीज

राजनांदगांव
राष्ट्रीय क्षय नियत्रंण कार्यक्रम के तहत 11 जनवरी से 15 फरवरी तक टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान चलाया जा रहा है। मरीजों की पहचान करने स्वास्थ्य विभाग का अमला जगह-जगह घूम रहा है। इस दौरान मिल रहे मरीजों के लिए निश्शुल्क उपचार की व्यवस्था की जा रही है। इतना ही नहीं मौके पर ही सैंपल लेकर जांच की जा रही है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि अभियान की शुरूआत सोमवार से शुरू हो गई है और इसी के तहत जिले में टीबी की उच्च जोखिम समूहों जैसे जेल, खदान, शहरी झुग्गी बस्तिओं, राइस मिल, फैक्ट्री, वृ़द्धाश्रम, एचआरजी समूहों व स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं में टीबी रोग की जांच की जा रही है। अभियान के संचालन के लिए स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं, टीबी चैंपियन, एनजीओ पार्टनर और मितानिनों की खोजी दल का गठन किया गया है। उच्च जोखिम समूहों में निवास एवं कार्य करने वाले व्यक्तियों में टीबी रोग होने की संभावना अधिक होती है, जिसे अभियान के माध्यम से खोजने का प्रयास किया जा रहा है। शासन द्वारा टीबी रोग की जांच व उपचार की सुविधा स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में निश्शुल्क उपलब्ध है।

अभियान के तहत टीबी मरीजों की खोज के साथ ही लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि क्षय रोग असाध्य तो है नहीं। ऐसे में लोगोंं को खुद सामने आकर जांच व समय रहते इलाज करा ही लेना चाहिए। मरीजों की पहचान के साथ ही लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि जिले को टीबी रोग से मुक्त किया जा सके।

पूरा अभियान कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा के निदेर्शानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अभियान में अधिक से अधिक सहभागिता निभाने की अपील की है।

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