प्रदेश के जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में अधूरे निर्माण कार्य तय समय-सीमा में पूरे हों
भोपाल
अनुसूचित-जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री सुमीना सिंह ने कहा है कि जनजाति क्षेत्रों में चल रहे सभी तरह के निर्माण कार्य तय समय-सीमा में पूरी गुणवत्ता के साथ पूरे किये जाएं। उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति विद्यार्थियों को योजनाओं का लाभ समय पर उपलब्ध करवायें जाने के भी निर्देश दिये। आदिम-जाति कल्याण मंत्री सुमीना सिंह आज इंदौर में संभाग के अधिकारियों की बैठक संबोधित कर रही थी। बैठक में संभाग में वनाधिकार पट्टों पर वितरण, पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति वितरण, कोविड नियमों के तहत शिक्षण संस्थाओं के संचालन और छात्र आवास योजना की समीक्षा की गई।
आदिम-जाति कल्याण मंत्री सुमीना सिंह ने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के बैठक में गैर हाजिर रहने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संभाग में आवासीय विद्यालयों के संचालन की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में मान्य वनाधिकार पट्टों का शत-प्रतिशत वितरण किया जा चुका है। जिले में नवीन 886 वनाधिकार पट्टों के पुनर्निरीक्षण का कार्य किया गया है। इनमें से 529 पट्टे मान्य किये जाकर वनवासियों को वितरित किये जा चुके हैं। जिले में वनाधिकार अधिनियम में अब तक करीब 2 हजार वनवासियों को वनाधिकार पट्टों का वितरण किया जा चुका है। इंदौर संभाग में करीब 5 हजार वनवासियों को वनाधिकार पट्टों का वितरण किया गया है।
बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में एजुकेशन हब होने के कारण प्रदेश-भर के अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के छात्र अध्ययन के लिये आते हैं। जिले में 38 हजार विद्यार्थियों को इस शैक्षणिक सत्र में करीब 100 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है। छात्र आवास योजना के संबंध में बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जाति-जनजाति के 12 हजार विद्यार्थियों को आवास सुविधा के लिये 35 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। योजना में उन विद्यार्थियों को मदद दी जाती है, जिन्हें हॉस्टल में सीमित संख्या में सीट होने के कारण प्रवेश नहीं मिल पाता है। योजना में प्रति छात्र 2 हजार रुपये प्रतिमाह के मान से वर्षभर में 24 हजार रुपये की राशि आर्थिक सहायता के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है। बैठक में बताया गया कि इंदौर में 25 करोड़ रुपये की लागत से अनुसूचित-जनजाति वर्ग के छात्रों के लिये गुरुकुलम् आवासीय विद्यालय भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने निर्माण कार्य 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से पूरा किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि इंदौर में ही 25 करोड़ रुपये की लागत से नवीन क्रीड़ा परिसर का भवन बनकर तैयार हो गया है। क्रीड़ा परिसर में 120 बालकों को प्रवेश दिया जायेगा। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया और भारिया के विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित हो रहा है। इसके साथ ही इंदौर में अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय संचालित हो रहा है। इन दोनों आवासीय विद्यालयों की सीट क्षमता 1200 विद्यार्थियों की है। आदिम-जाति कल्याण मंत्री ने शत-प्रतिशत बच्चों को इन आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिये जाने के निर्देश दिये।
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