मध्य प्रदेश

MPPSC की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों को तगड़ा झटका

 

भोपाल
MPPSC की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को तगड़ा झटका लगा है. परीक्षाओं के लिए कैंडिडेट्स की 1 जनवरी 2021 से आयु गणना होगी. प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, वे कैंडिडेट परीक्षा नहीं दे सकेंगे जो 2 जनवरी 1981 से पहले जन्मे हैं.

जानकारी के मुताबिक, 2 जनवरी 1988 से पहले जन्मे कैंडिडेट वन क्षेत्रपाल के लिए आवेदन नहीं दे सकेंगे. गौरतलब है कि प्रदेश में ऐसे 10 से 15 हजार कैंडिडेट हैं जो पिछले 4 सालों से PSC की परीक्षा का इंतजार कर रहे थे.

गौरतलब है कि पीएससी पिछले साल 12 जनवरी को हुई राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट पर भी रोक लगा चुका है. आरक्षण को लेकर जारी कानूनी लड़ाई अभी तक इसकी वजह बनी हुई है. उस वक्त पीएससी ने साफ कर दिया था कि जब तक आरक्षण पर कोर्ट अंतिम निर्णय न सुना दे, तब तक परिणाम जारी नहीं किया जाएगा. सामान्यतः अंतिम उत्तरकुंजी जारी होने के तीन-चार दिनों में पीएससी रिजल्ट भी जारी कर देता है. लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि आरक्षण को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है.

पीएससी के सचिव ने उस वक्त कहा था कि के मुताबिक कोर्ट जब निर्णय देगा, तब ही आयोग रिजल्ट जारी करेगा. क्योंकि, कोर्ट का आदेश मौजूदा फॉर्मूले से कुछ भी अलग हुआ और हमने पहले रिजल्ट जारी कर दिया तो फिर से रिजल्ट संशोधित करने की नौबत आएगी. ऐसी किसी भी स्थिति में कानूनी विवाद भी बढ़ेंगे. इससे आगे की प्रक्रिया भी बाधित होगी. हम इस सबसे बचने के लिए कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं.

MPPSC ने दिसंबर में राज्य सेवा परीक्षा 2019 वैकेंसी से जुड़ी सूचना जारी की थी. आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों के प्रशासनिक पदों की पूर्ति के लिए राज्य सेवा परीक्षा 2019 के विज्ञानपन में दिए पदों की वैकेंसी में संशोधन के बारे में जानकारी दी थी. संशोधन के बाद राज्य सेवा परीक्षा 2019 के लिए कुल पदों की संख्या 571 हो गई थी. पदों में संशोधन के अलावा वर्दीधारी पदों हेतु आयु-सीमा के निर्धारण में छूट दी थी.

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