कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को ट्रायल के लिए वॉलंटियर्स की हो सकती है कमी
नई दिल्ली
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में दो कंपनियों की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलने के बाद अगली पंक्तियों में खड़ी टीके की कंपनियों के लिए ट्रायल करना मुश्किल भरा हो सकता है। उनकी वैक्सीन्स के लिए वॉलंटियर मिलने की दिक्कत हो सकती है। मालूम हो कि इस साल की तीन जनवरी को डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट में बनी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन और स्वदेशी कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी। कंपनियों का कहना है कि वैक्सीन के जल्द उपलब्ध होने की खबर की वजह से भर्ती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारत बायोटेक के डॉ. वी कृष्णा मोहन ने एक वेबिनार में कहा, ''इमरजेंसी इस्तेमाल के मंजूरी मिले बिना, कई प्रेस रिलीज हैं, जिसमें कहा गया है कि उनकी वैक्सीन जल्द उपलब्ध होगी। इससे रिक्रूटमेंट में काफी परेशानी आने वाली है, क्योंकि ज्यादातर लोग सोचने लगे हैं कि उन्हें क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेना चाहिए या फिर नहीं, क्योंकि वैक्सीन तो जल्द आने ही वाली है।'' उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन से विपरीत, भारत में क्लीनिकल ट्रायल उसी समय हो रहे हैं, जब देश में वैक्सीन्स को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने का काम भी चल रहा है।
'भारत बायोटेक के लिए बड़ी भी चुनौती'
उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक के लिए चुनौती काफी बड़ी थी, क्योंकि वे बड़े आयु वर्ग के लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन ट्रायल के लिए नामांकन करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति 97 थे। मोहन ने कहा, ''अस्पतालों ने भी हमसे पूछा कि जब आपको इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है तो भी क्या क्लीनिकल ट्रायल को जारी रखना नैतिक रूप से सही है। इन सवालों के जवाब दिए जाने चाहिए।'' बता दें कि इस समय देश में कम से कम छह कोरोना वैक्सीन्स के मानव परीक्षण चल रहे हैं। ये जाइडस कैडिला है, जिसने हाल ही में तीसरे फेज का ट्रायल शुरू किया है। रूस की स्पुतनिक 5 है, जिसका दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल डॉ. रेड्डी द्वारा किया जा रहा है।
इन वैक्सीन्स का भी चल रहा ट्रायल
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की दूसरी वैक्सीन नोवावैक्स भी है, जिसके दूसरे चरण का ट्रायल जारी है। बायोलोजिकल ई और जेनोवा ने अपनी वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल कर रही है। इसके अलावा, भारत बायोटेक की दूसरी वैक्सीन नसल पर भी काम चल रहा है। कैडिला हेल्थकेयर के चेयरपर्सन डॉ. पंकज पटेल का भी मानना है कि रिक्रूटमेंट का समय काफी चैलेंजभरा होने वाला है। उनका कहना है कि चुनौती रिक्रूटमेंट की स्पीड और वॉलंटियर्स के ना मिलने की होगी। वहीं, एक चिंता यह भी है कि वैक्सीन के आने के बाद जो कमजोर लोग होंगे, वे जल्द टीकाकरण करवा लेंगे।
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