बिटक्वाइन टैक्स: आर्थिक खुफिया ब्यूरो व राजस्व खुफिया निदेशालय ने भेजा प्रस्ताव
कानपुर
तेजी से लोकप्रिय हो रही वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन पर निगरानी के लिए टैक्स लगाने की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और राजस्व खुफिया निदेशालय ने डिजिटल करंसी पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव भेजा है। बिटक्वाइन की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में एक बिटक्वाइन की कीमत 24 लाख रुपए पहुंच गई है। एक महीना पहले कीमत 14 लाख रुपए थी। यानी 30 दिन में 10 लाख रुपए के उछाल ने एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। बिटक्वाइन में बढ़ते निवेश ने रिजर्व बैंक को चौकन्ना कर दिया है। इस करंसी का कोई नियंत्रक नहीं है और न ही इसकी खरीद-फरोख्त पर दुनिया का किसी सरकार का नियंत्रण है। बिटक्वाइन पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए जाने के बाद अब टैक्स के जरिए मॉनीटरिंग का रास्ता निकाला गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) बिटक्वाइन पर 18 या 28 फीसदी जीएसटी लगा सकता है। इसकी ट्रेडिंग पर जीएसटी एक बार में नहीं बल्कि सभी ट्रांजेक्शन पर लगाया जा सकता है। इसके बाद बिटक्वाइन बेचने से हुए मुनाफे पर आयकर लगेगा।
सेंट्रल जीएसटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुफिया आर्थिक एजेंसियां इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर चुकी हैं जिसमें कहा गया है कि अकेले बिटक्वाइन से 10 हजार करोड़ रुपए का जीएसटी जनरेट हो सकता है। उन्होंने बताया चूंकि बिटक्वाइन का कोई रूप नहीं है इसलिए इसे अदृश्य या अमृत संपत्ति की श्रेणी में रखा जाएगा। इसे शेयर, प्रॉपर्टी या रियल इस्टेट की तरह निवेश के विकल्प के रूप में देखा जाएगा। इसके बावजूद क्रिप्टोकरंसी को कैश मनी की श्रेणी में रखा जाएगा, जिसका इस्तेमाल भी किया जा सकता है। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि मुद्रा कानूनों के तहत इसकी सख्त मॉनीटरिंग की जा सके। फिलहाल इसकी ट्रेडिंग पर लगाम एक बड़ी चुनौती है और इसकी वजह से रुपया, डॉलर या पौंड जैसी मुद्राओं पर असर पड़ने का खतरा खड़ा हो गया है।
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