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नीति आयोग : तीन करोड़ रिकार्ड हुए डिजिटाइज, 15 करोड़ पर काम होना बाकी

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भोपाल
भारत सरकार की स्वामित्व योजना में जो जमीन शामिल कर ली गई है, उस भूमि पर टाइटल रजिस्ट्रेशन व्यवस्था लागू करने का काम शुरू होगा। इसके लिए राजस्व विभाग कुछ लीगल फ्रेम वर्क करेगा और नियमों में परिवर्तन के साथ इसे लागू करने का काम किया जाएगा। इसी मामले में प्रदेश के सभी निजी खसरों को टाइटल रजिस्ट्रेशन से जोड़ने के लिए नीति आयोग के निर्देश पर भूमि सुधार आयोग ने काम भी शुरू कर दिया है। राजस्व विभाग और भारत सरकार की अनुशंसा के आधार पर व्यवहारिक पक्षों का अध्ययन कर इसके नियम फाइनल किए जाएंगे।

कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में राजस्व विभाग ने 2025 तक की कार्ययोजना में टाइटल रजिस्टेÑशन सिस्टम पर काम शुरू किया था। इसके बाद स्वामित्व योजना पिछले साल लागू हो गई है और इसके आधार पर कई जिलों में आबादी भूमि के खसरे को योजना में शामिल कर लिया गया है। सीएलआर ज्ञानेश्वर पाटिल बताते हैं कि स्वामित्व योजना में जो भूमि शामिल हो गई है उसमें अब किसी तरह का विवाद नहीं रह गया है और इसमें खरीदी के दौरान स्वामित्व का विवाद आड़े नहीं आएगा। इसके साथ अन्य खसरों पर भी काम चल रहा है। पाटिल के मुताबिक अब तक 3.5 करोड़ खसरों का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है जो पब्लिक डोमेन में है। इसके माध्यम से हमें टाइटल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करने की तकनीकी दिक्कतों का समाधान करने में आसानी हो रही है। अभी 15 करोड़ खसरों का डिजिटाइजेशन होना बाकी है जैसे ही यह काम हो जाएगा वैसे ही लीगल फ्रम वर्क तय करके सरकार इसके लिए काम तेज कर देगी। इसमें पंजीयन, नगरीय निकाय व पंचायतों की भी भूमिका रहेगी। सरकार ऐसी भूमि पर एक सर्टिफिकेट भी देगी जिसके बाद जमीन खरीददार के किसी विवाद में पड़ने की स्थिति नहीं होगी।

बताया गया कि इस व्यवस्था को प्रभावी करने के लिए राजस्व विभाग भू राजस्व संहिता की धारा 109, 110, 115 व अन्य धाराओं में जरूरत के हिसाब से संशोधन भी करेगा। राजस्व विभाग द्वारा इसके लिए जो व्यवस्था तय की जा रही है, उसमें हर जमीन को डिजिटाइजेशन के माध्यम से टैग करने का काम किया जाएगा। खसरे को डिजिटाइज करने के साथ सरकार इस बात का सर्टिफिकेट देगी कि जिस व्यक्ति द्वारा जमीन बेची जा रही है, उसका क्षेत्रफल और रकबा खसरा नम्बर सही है। जमीन की लोकेशन जिस गांव में बताई गई है, वह भी सही है। उस पर किसी का कब्जा नहीं है। इसको लेकर किसी तरह का कोई पुराना
विवाद नहीं है।

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