उत्तर प्रदेश

बनारस के हुनरमंद बुनकर ने अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर को​​​​​​​ बनारसी साड़ी पर उकेरा  

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वाराणसी
बनारस के हुनरमंद बुनकर ने अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर को सिल्क की साड़ी पर उकेरा है। चार दिवसीय दौरे पर बनारस पहुंचीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को सर्किट में आयोजित एमएसएमई की बैठक में इस साड़ी का विमोचन किया। लघु उद्योग भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने संघटन के उद्यमियों की ओर से राज्यपाल को साड़ी भेंट किया। 

लघु उद्योग भारती काशी प्रांत के उद्यमी सर्वेश श्रीवास्तव की इकाई में काशी की प्राचीन उचंत बिनकारी कला के एकमात्र बुनकर गोपाल पटेल ने हथकरघा पर लगभग तीन माह में दो साड़ी तैयार की है। बनारसी साड़ी एक काटन और रेशम और दूसरा पूरी तरह रेशम से बनी है। इसमें गोल्डन, सिल्वर व कापर जरी का प्रयोग किया गया है। इसके आंचल पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की आकृति को उकेरा गया है। इसकी डिजाइन और अन्य कार्य सर्वेश कुमार श्रीवास्तव एवं परिकल्पना अदीबा रफत ने किया था। 

राज्यपाल ने कहा कि साड़ी पर राम मंदिर की आकृति उकेरने का विचार प्रशंसनीय है। उनके द्वारा उद्यमियों से सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने को लेकर अपील की, जिसपर लघु उद्योग भारती संघटन के करखियांव डिवीजन के उद्यमियों ने 10 आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेकर पूरा सहयोग देने का वादा किया।

कार्यक्रम में एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान भी मौजूद रहे। बुनकरों ने कहा कि बनारसी साड़ी की जब भी बात होती है तो लोग पावरलूम की बनी बनारसी साड़ी को हैंडलूम की बनी बता कर बेचा करते हैं, जो गलत है। आज जब भी कोई संघटन बुनकर की बात करता है तो केवल पावरलूम को किस तरह से छूट मिल जाय इसी पर बात करता है, जबकि असली बनारसी साड़ी संत कबीर दास जी के काल से आज तक हथकरघा पर ही बनाई जाती है। पावरलूम पर तो सूरत, महाबलीपुरम, चीन सहित कहीं पर भी बनारसी साड़ी बनाई जाय तो वह असली बनारसी साड़ी नहीं होगी।

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