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किसानों और सरकार के बीच आज फिर बातचीत

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   नई दिल्ली
कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच आज किसान संगठन और सरकार सातवें दौर की बातचीत करने जा रहे हैं। किसानों की चार प्रमुख मांगों में से दो पर सरकार पहले ही सहमति दे चुकी है। लेकिन, एमएसपी पर लिखित भरोसा और कानून वापसी पर अभी भी गतिरोध जारी है। सरकार को भरोसा है कि इस बार दोनों ओर से जिद की दीवार टूटेगी और आंदोलन समाप्ति की ओर से बढ़ सकता है।

बैठक से पहले पीएमओ सक्रिय
किसान संगठनों के साथ सातवें दौर की बैठक से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) सक्रिय है। पीएमओ ने आज होने वाली बैठक को लेकर संबंधित मंत्रियों से फीडबैक लिया है। वहीं प्रस्तावित बातचीत से पहले केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क होकर आगे की रणनीति पर काम कर रही है।

किसानों को दिया जा सकता है यह फॉर्म्यूला
सराकर भी यह मानकर चल रही है कि किसानों के साथ गतिरोध इतनी आसानी से खत्म नहीं होने वाला है। इसलिए आज होने वाली बैठक में सरकार बीच का रास्ता निकालने के लिए कोई फॉर्म्युला पेश कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार MSP पर लिखित भरोसा देने के विकल्प पर विचार कर रही है। वहीं, कानून को रद्द करने के मुद्दे पर सरकार कानूनों की समीक्षा के लिए कमिटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है। इस कमिटी में किसान संगठनों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।

क्या राजनाथ बनेंगे सरकार के संकटमोचक
किसान आंदोलन को खत्म करने में जुटी केंद्र सरकार के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संकटमोचक की भूमिका निभा सकते हैं। किसानों के बीच राजनाथ सिंह की अच्छी छवि का फायदा सरकार भी उठाना चाहती है। इसलिए, रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राजनाथ सिंह के साथ बैठक की और इस संकट के यथाशीघ्र समाधान के लिए सरकार की रणनीति पर चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि तोमर ने सिंह के साथ इस संकट के समाधान के लिए बीच का रास्ता ढूंढने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर चर्चा की।

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