प्रदेश के चार राष्ट्रीय उद्यानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभागायुक्त और कलेक्टरों को सौंपी, निगरानी समितियां गठित
भोपाल
प्रदेश के चार राष्ट्रीय उद्यानों में वन्य जीवों की सुरक्षा और जंगलों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने इनसे जुड़े संभागों के संभागायुक्त और कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपते हुए तीन साल के लिए निगरानी समितियां गठित कर दी है।
जबलपुर, सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों में स्थित पेंच बाघ रिजर्व (इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच राष्टÑीय उद्यान एवं पेंच मोगली वन्य जीव अभ्यारण्य) अधिसूचित बफर क्षेत्र में शामिल है। इस क्षेत्र की निगरानी के लिए जबलपुर संभागायुक्त की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया गया है। इस समिति में सिवनी और छिंदवाड़ा कलेक्टर तथा जिला पंचायत सीईओ को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रतिनिधि, जैव विविधता बोर्ड के प्रतिनिधि, जैव विविधता विशेषज्ञ, गैर सरकारी संगठनो के एक प्रतिनिधि, पर्यावरण विभाग द्वारा नाम निर्दिष्ट विशेषज्ञ को सदस्य बनाया गया है। पेंच टाईगर रिजर्व के प्रभारी अधिकारी इसके सदस्य सचिव रहेंगे।
इसी तरह सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों में स्थित नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण्य की सीमा से एक किलोमीटर तक के क्षेत्र को संवेदी जोन घोषित कियागया है। यहां की निगरानी के लिए सागर संभागायुक्त की अध्यक्षता में मानीटरिंग समिति बनाई गई है। इसमें सागर, दमोह और नरसिंहपुर के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, प्रभागीय वन अधिकारी, मुख्य वन संरक्षक सागर, लोक निर्माण विभाग, खनिज विभाग, सिंचाई विभाग और जैव विविधता बोर्ड के 26 सदस्यों का निगरानी दल बनाया गया है। डिंडौरी और उमरिया जिले में स्थित घुघुआ राष्टÑीय उद्यान के ढाई सौ मीटर तक के क्षेत्र को संवेदी जोन घोषित किया गया है। यहां जबलपुर कमिश्नर की अध्यक्षता में मानीटरिंग कमेटी बनाई गई है।
इसामें डिंडौरी कलेक्टर, उमरिया और डिंडौरी सीईओ, वन, पीएचई, लोनिवि, प्रदूषण बोर्ड जैव विविधता बोर्ड के प्रतिनिधि और पर्यावरण विशेषज्ञ को शामिल किया गया है। डिंडौरी वन संरक्षक इसके प्रभारी अधिकारी रहेंगे। पन्ना, छतरपुर जिलों में स्थित केन घड़ियाल वन्य जीव अभ्यारण्य में सागर कमिश्नर की अध्यक्षता में बनी मानीटरिंग कमेटी में पन्ना और छतरपुर कलेक्टर, सीईओ, प्रदूषण बोर्ड, जैव विविधता बोर्ड के अधिकारी सदस्य बनाए गए है। पन्ना बाघ आरक्षित क्षेत्र के निदेशक इस कमेटी के सदस्य सचिव रहेंगे।
राष्टÑीय उद्यानों, वन्य जीव अभ्यारण्यों की निगरानी के लिए कमिश्नरों की अध्यक्षता में गठित समितियां इन क्षेत्रों में प्रतिबंधित गतिविधियों पर नजर रखेंगी। ऐसे व्यक्ति जो नियमों का उल्लंघन करते है उनके उपर यह समिति न्यायालय में परिवाद चला सकेगी। इसके अलावा समिति यहां से जुड़े सभी विभागों से परामर्श कर यहां की बेहतरी के लिए अनुशंसा करेगी। समिति को हर साल 31 मार्च तक की गई कार्यवाही की रिपोर्ट देना होगा। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय इस समिति को समय-समय पर निर्देश दे सकेगा उनका पालन भी समिति करेगी।
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