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अब बातचीत हुई फेल तो गणतंत्र दिवस पर निकालेंगे ट्रैक्टर रैली: किसान नेताओं की चेतावनी

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नई दिल्‍ली
नए कृषि बिल को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। लगभग 38 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब सरकार को नई चेतावनी दी है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर 4 जनवरी को होने वाली वार्ता भी बेनतीजा साबित हुई तो वो आने वाली 26 जनवरी को ट्रैक्‍टर रैली निकालेंगे। उन्‍होंने कहा कि उनके पास आंदोलन तेज करने के अलावा कोई और विकल्‍प नहीं है। आपको बता दें कि इससे पहले किसानों ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर अगली बैठक में कोई ठोस हल नहीं निकला तो वो हरियाणा के पेट्रोल पंप और मॉल्‍स बंद करवा देंगे।

किसान आंदोलन की आगे की रणनीति बताते हुए क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्‍यक्ष दर्शन पाल ने कहा है कि 23 जनवरी को हम विभिन्न राज्यों में राज्यपालों के घरों की ओर मार्च निकालेंगे और अगर सरकार के साथ बैठक में कोई ठोस हल नहीं निकला तो आने वाली 26 जनवरी को दिल्ली में 'ट्रैक्टर किसान परेड' आयोजित की जाएगी। प्रेस क्‍लब में मीडिया से बातचीत करते हुए दर्शन पाल ने कहा कि अगर 4 जनवरी को हमारी बात नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बीएस राजेवाल, दर्शन पाल, गुरुनाम सिंह, जगजीत सिंह, शिव कुमार शर्मा कक्का व योगेन्द्र यादव शामिल हुए। 

वहीं योगेंद्र यादव ने कहा, अगर 26 जनवरी तक किसानों की बातें नहीं सुलझती हैं, तो दिल्ली के तमाम मोर्चों से किसान दिल्ली के अंदर घुसकर अपनी किसान गणतंत्र परेड करने के लिए मजबूर होंगे। आपको बता दें कि सरकार और किसानों के बीच अब तक छह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक तक इस बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। बुधवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच बिजली की कीमतें और पराली जलाने पर जुर्माने को लेकर बातचीत हुई। कहा जा रहा है कि दोनों पक्षों में इस मुद्दे को लेकर कुछ सहमति भी बनी है। लेकिन तीन नए कृषि कानून को वापस लेने और MSP को कानूनी दर्जा देने के लिए अब तक बात नहीं बनी है।
 

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