छत्तीसगढ़

पाला और कोहरा से सरगुजा के मैदानी क्षेत्र में लगी आलू की फसल चौपट

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सरगुजा
मैदानी इलाकों में लगी करीब दो हजार एकड़ की आलू फसल पर पखवाड़े भर से कोहरा छाने और तीन दिन लगातार पाला गिरने से फसल प्रभावित हो गई है। लगातार कोहरे की चपेट में आने के कारण आलू की फसल में झुलसा का प्रकोप लग चुका है जिससे भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।

लाकडाउन के कारण आलू की आवक कम हुई और खपत अधिक होने के कारण लगातार 40 रुपये किलो तक आलू बीज बिका। अब सरगुजा में नया आलू उत्पादन होने के बाद बाजार में पहुंचा तो दाम में थोड़ी गिरावट आई नए आलू की मांग बढ़ी है और पुराने आलू की कीमत अपने आप 25 से 30 रुपये किलो हो गई। सरगुजा जिले में बड़े पैमाने पर आलू के उत्पादन के कारण ही लगभग पांच माह तक दाम में स्थिरता रहती है किंतु इस बार बीज की महंगाई के कारण रकबा भी घट गया और अचानक मौसम में आए बदलाव के कारण आलू की फसल प्रभावित हो गई। मैदानी क्षेत्र में पखवाड़े भर से ठंड बढ़ी है और लगातार तीन दिन पाला भी गिरा। पाले के असर के साथ लगातार कोहरा गिरने और दोपहर 12 बजे तक धुंध छाने का असर भी सीधे आलू पर पड़ा है। कृषि वैज्ञानिकों ने मौके पर किसानों को समसामयिक सलाह भी दी थी कि आलू के खेत में नमी बनाए रखें और आसपास खरपतवार जलाकर धुआं कर दें। किसानों ने यह सभी उपाय भी किए पर जिले में अधिकांश किसानों के खेतों में आलू की फसल चौपट हो गई है। किसानों के मुताबिक इसमें अब कंद लग पाना मुश्किल है क्योंकि जब तक आलू की फसल में हरियाली रहती है तभी कंद भी अच्छा बनता है। पूरी तरह झुलस जाने के बाद कंद नहीं बैठता और भारी नुकसान पहुंचता है।

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