मध्य प्रदेश

प्रवासी श्रमिक एवं रोजगार सेतु पोर्टल को भारत सरकार का डिजीटल इंडिया अवार्ड 2020

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भोपाल

'प्रवासी श्रमिक एवं रोजगार सेतु पोर्टल' को डिजीटल इंडिया अवार्ड 2020 'आपदा के समय नवाचार' श्रेणी में पुरस्कार प्रदान किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा यह अवार्ड दिया गया। श्रम विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव के नेतृत्व में श्रम आयुक्त आशुतोष अवस्थी, उप सचिव छोटे सिंह, संचालक एन.आई.सी. सुनील जैन तथा अपर श्रमायुक्त प्रभात दुबे ने अवार्ड प्राप्त किया।

श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने रोजगार सेतु पोर्टल को डिजीटल इंडिया 2020 अवार्ड मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में इस नवाचार से रोजगार के नये अवसर सृजित होने के साथ-साथ नियोक्ताओं को भी उनकी आवश्यकतानुसार कुशल श्रमिक आसानी से उनके क्षेत्र में मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोबाईल एप और ऑनलाईन व्यवस्था का प्रभावी उपयोग कर कोरोना महामारी में भी श्रमिकों के कल्याण के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाला मध्‍यप्रदेश पहला राज्य है।

कोविड – 19 लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर श्रमिकों के परिवारों के सदस्यों के चिन्हांकन, पंजीयन, आर्थिक व अन्य सहायता उपलब्ध कराने और पलायन संबंधित समस्याओं के दीर्घकालिक समाधान कराने के उद्देश्य से एनआईसी के तकनीकी सहयोग से प्रवासी श्रमिक मोबाईल एप, प्रवासी श्रमिक पोर्टल एवं रोजगार सेतु पोर्टल प्रारंभ किया गया।

प्रवासी श्रमिकों को आर्थिक एवं पलायन संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए उनके दक्षता, कौशल व अनुभव के अनुसार उनके क्षेत्र में ही रोजगार प्रदान करने, पलायन समाप्त करने तथा नियोक्ताओं को उन्ही के क्षेत्र में श्रमिक उपलब्ध कराने का कार्य रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से सफलतापूर्वक किया गया। पोर्टल पर अब तक 35207 नियोक्ताओं द्वारा पंजीयन कराया गया है और 44644 प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न संस्थानों में रोजगार प्रदान किया गया है। इसके अलावा 2 लाख 03 हजार 757 अकुशल प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा योजना में नियोजित किया गया है।

रोजगार सेतु पोर्टल के डाटाबेस के आधार पर पंचायत सचिव व वार्ड प्रभारी के सहयोग से 7 लाख 40 हजार प्रवासी श्रमिकों और उनके 5 लाख 90 हजार 422 सदस्यों को चिन्हांकित कर सत्यापन और पंजीयन किया गया। इसके आधार पर प्रवासी श्रमिकों को आत्मनिर्भर भारत योजना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खद्यान उपलब्ध कराया गया। इन प्रवासी श्रमिकों के 5 से 18 वर्ष के कुल 2 लाख 06 हजार 425 बच्चों को शिक्षा विभाग के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया गया।

कोविड – 19 महामारी के कारण दूसरे राज्य के निर्माण श्रमिकों, जो मध्यप्रदेश में लॉकडाउन के समय रूके थे, ऐसे 6671 श्रमिकों को प्रति श्रमिक 1000 के मान से 66 लाख 71 हजार रूपये का भुगतान मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया। राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि में प्रदेश में 8 लाख 85 हजार 89 श्रमिकों को प्रति श्रमिक 2000 के मान से कुल राशि 177 करोड़ रूपये का राज्य स्तर से सिंगल क्लिक के माध्यम से ऑनलाईल ई-पैमेंट किया गया।

जिलों में रोजगार मेले

प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिको को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर अभी तक 17 रोजगार मेले का आयोजन किया गया है और मध्यप्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग का भी गठन किया गया है। आयोग राज्य के प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए सरकार को आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करेगा।

प्रवासी श्रमिकों को संबल योजना से जोड़ा

प्रवासी श्रमिकों को पत्रताअनुसार संबल योजना से भी जोड़ने की कार्यवाही आरंभ की गई है। संबल योजना में 01 लाख 90 हजार 644 श्रमिकों का पंजीयन तथा भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत 43584 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। इन श्रमिकों को पत्रतानुसार मण्डल की संचालित योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

उन्नति पोर्टल से रोजगार पोर्टल का इंटीग्रेशन

नीति आयोग भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य में कोविड – 19 लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्घ कराने के लिए प्रांरभ किये गये 'रोजगार सेतु पोर्टल' की सराहना करते हुए यह निर्णय लिया गया कि नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा सभी रोजगार इच्छुकों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रारंभ किये जा रह 'उन्नति पोर्टल' से 'रोजगार सेतु पोर्टल' का इंटीग्रेशन किया जाये।

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