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4 जनवरी की बैठक: मैं भविष्यवक्ता नहीं, नतीजे की उम्मीद: कृषि मंत्री

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नई दिल्ली
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार 4 जनवरी को किसान यूनियनों के साथ होने वाली अगली बैठक में "सकारात्मक नतीजे" की उम्मीद कर रही है, लेकिन सातवें दौर की वार्ता होगी या नहीं इसकी भविष्यवाणी करने से परहेज किया। मंत्री ने कहा कि 30 दिसंबर को हुई पिछली बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई और अगली बैठक में किसानों और देश के कृषि क्षेत्र के हित में सकारात्मक परिणाम आने की संभावना है।
 
किसान यूनियनों ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और विकल्प सुझाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग पर अड़ गए तो? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम देखेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह 4 जनवरी की बैठक अंतिम बैठक हो सकती है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं ऐसा दावे के साथ नहीं कह सकता, क्यों कि मैं एक ज्योतिषी नहीं हूं। उम्मीद है कि जो भी बैठक में होगा वो देश और किसानों के हित में होगा।

वहीं दूसरी ओर किसान नेताओं ने आज कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो वे कड़े कदम उठाएंगे। सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है। किसान नेताओं ने कहा, ऐसा लगता है कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को हटाने में सरकार सक्षम थी, और वे हमारे साथ भी ऐसा ही करने की सोच रहे थे, लेकिन ऐसा कोई दिन नहीं आएगा।

हरियाणा किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि 4 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में कोई हल नहीं निकला तो निजी पेट्रोल पंप को छोड़कर सभी पेट्रोल पंप और मॉल बंद रहेंगे। हालांकि हरियाणा में सभी टोल प्लाजा चालू रहेंगे। बुधवार को सातवें दौर की औपचारिक वार्ता में सरकार और किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर जुर्माना को लेकर किसानों की चिंताओं के हल के लिए कुछ सहमति बनी। लेकिन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दों पर गतिरोध कायम रहा।

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