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बॉर्डर पर बेरिकेड तोड़ दिल्ली की ओर बढ़े किसान 

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रेवाड़ी/गुड़गांव
किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर हिंसा हो गई। सैकड़ों की तादाद में जुटे प्रदर्शनकारी दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की। प्रदशनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में धरना दिया। वहीं, उनका एक दल बेरिकेड्स तोड़ दिल्ली की तरफ बढ़ गया। पुलिस ने उन्हें भगाने के लिए आंसू गैस के गोले मारे।
 
प्रदशनकारियों की पुलिस से भिड़ंत हो गई। कई किसान नेताओं ने भी बेरिकेड्स न तोड़ने की अनाउंसमेंट की, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर असर नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि, 11 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर रवाना हुए लोगों को करीब 20 किलोमीटर आगे रेवाड़ी पुलिस ने रोक लिया था। इस पर वे वहीं पड़ाव डालकर बैठ गए। इससे लंबा जाम लग गया। जिसके बाद वहां पर पुलिस से भिड़ंत हुई। उधर, एक यह खबर भी आ रही है कि, टिकरी बॉर्डर पर कैथल के भाणा के किसान 62 वर्षीय रामकुमार की तबीयत बिगड़ने से माैत हाे गई है। एक वृद्ध किसान ने बताया कि, रामकुमार की माैत दिमाग की नस फटने से हुई। वह काफी चिंतित थे।
  
हरियाणा-राजस्थान सीमा के रेवाड़ी स्थित खेड़ा बॉर्डर पर भी प्रदर्शनकारी जुटे हुए हैं। जिनमें एक पंजाब के कपूरथला के मकसूदपुर निवासी सरदार सतनाम सिंह भी थे। सतनाम सिंह यहां कड़ाके की ठंड के बीच प्रदर्शनकारियों को गर्म कपड़े बांटते देखे गए। उन कपड़ों के बारे में सतनाम से पूछा गया कि ऐसे कपड़े कहां से आए हैं, तो वह बोले कि मेरी बेटियों ने अमेरिका से भिजवाए हैं। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन को हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर 1 महीने से ज्यादा समय हो गया है। ऐसे में लोग ठंड से न मरें,इसलिए कपड़े बंटवाए जा रहे हैं।

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