उत्तर प्रदेश

22 हजार कर्मियों का ईपीएफ न जमा करने पर 672 कंपनियां डिफाल्टर

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 गोरखपुर  
22 हजार कर्मचारियों का ईपीएफ अंशदान जमा न करने पर गोरखपुर परिक्षेत्र के 12 जिलों की 672 कम्पनियां डिफाल्टर घोषित की गई हैं। 25 करोड़ अंशदान जमा न करने वाली इन कम्पनियों को ईपीएफ ने नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए ईपीएफ इन कम्पनियों पर कार्रवाई कर सकती है।
 
कोरोना संक्रमण काल में कर्मचारियों के भविष्य को लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं। ईपीएफ भुगतान व पेंशन भुगतान के अलावा कई तरह की पहल के बाद अब ईपीएफ ने उन कम्पनियों को खंगालना शुरू किया जोकि अपने कर्मचारियों का अंशदान जमा करने में कोताही कर रही हैं। ऐसी 672 कम्पनियां चिह्नित की हैं। उन्होंने 22 हजार कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए उनके वेतन से ईपीएफ अंशदान की कटौती कर अपना अंशदान जमा नहीं किया है। दिल्ली मुख्यालय से डिफाल्टर कंपनियों की सूची आने के बाद गोरखपुर परिक्षेत्र के ईपीएफ आयुक्त ने कंपनियों व फर्मों व स्कूल प्रबंधन को ई-मेल से नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर इन कम्पनियों पर कार्रवाई की जा सकती है।

 672 कंपनियों में से करीब 142 स्कूल, 12 अस्पताल, 8 होटल व रेस्टोरेंट व रेलवे के 4 ठेकेदारों की फर्में शामिल हैं। इन फर्मों व सस्थाओं ने अपने कर्मचारियों का तीन माह से लेकर आठ माह तक का ईपीएफ अंशदान जमा नहीं किया है। लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण काल में फर्मों व संस्थान के ईपीएफ अंशदान जमा न करने पर कार्रवाई पर रोक लगी थी। अब दिल्ली मुख्यालय ने डिफाल्टर कंपनियों की सूची भेजकर कार्रवाई को कहा गया है। ईपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि इनमें से 412 फर्मो ने फरवरी-20 अंतिम बार अपने 17,500 कर्मचारियों का ईपीएफ अंशदान जमा किया। उसके बाद से अबतक इन फर्मों ने एक रुपये भी कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में अंशदान की रकम जमा नहीं की। अन्य फर्मे भी अगस्त-20 के बाद से अपने कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में अंशदान की रकम जमा नहीं की है। ऐसे में इन सभी 672 कंपनियों व फर्मो व संस्थाओं को ईपीएफ मुख्यालय दिल्ली ने डिफाल्टर श्रेणी में डाल कर परिक्षेत्र के आयुक्त को सभी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए है।

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