मध्य प्रदेश

80% विभागों के कामकाज होंगे प्रभावित, लाखों कर्मचारी कल लेंगे सामूहिक अवकाश

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भोपाल
प्रदेश के तीन लाख से अधिक कर्मचारी अधिकारी सरकार पर अपनी मांगों की पूर्ति के लिए दबाव बनाने और आंदोलन की रणनीति तय करने को लेकर 29 जुलाई को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस सामूहिक अवकाश के चलते राजस्व, परिवहन, शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास समेत प्रदेश के अस्सी फीसदी विभागों के कामकाज पर असर पड़ना तय है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेश में तीन चरण के आंदोलन के तारतम्य में 29 जुलाई को सामूहिक अवकाश का फैसला लिया गया है। सरकार ने इस बीच जुलाई 2020 से रुके इंक्रीमेंट को देने के लिए वित्त विभाग के जरिये आदेश जारी किया है लेकिन मोर्चा ने इसके बाद भी आंदोलन की रणनीति में बदलाव नहीं किया है। मोर्चा का कहना है कि जुलाई 2019 से रुकी पांच प्रतिशत महंगाई भत्ते की किस्त और उसके बाद के लाभ के साथ कर्मचारियों अधिकारियों की पदोन्नति दिए जाने के मामले में सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। पदोन्नति नहीं होने से उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसलिए 29 जुलाई को सामूहिक अवकाश पर रहना है।

मध्यप्रदेश पटवारी संघ के आह्वान पर पटवारी और पंचायत और ग्रामीण विकास संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर 70 हजार पंचायत कर्मी आंदोलन रत हैं। शिक्षक संघ ने भी इन कर्मचारी संगठनों के आंदोलन का समर्थन किया है। इसके अलावा परिवहन महकमे के कर्मचारी भी अवकाश पर रहेंगे।

प्रदेश के सभी राजस्व अधिकारी (तहसीलदार और नायब तहसीलदार) पदोन्नति नहीं दिए जाने से सरकार से नाराज हैं और संघ की ओर से राजस्व मंत्री को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि 29 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेकर भोपाल और जिला मुख्यालयों पर आगे की आंदोलन रणनीति बनाएंगे। इनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में आठ साल में दो पदोन्नति मिल रही है जबकि एमपी में 14 साल बाद भी नायब तहसीलदार, तहसीलदार पदोन्नति से वंचित हैं।

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