मध्य प्रदेश

60 कॉलेज विश्वविद्यालयों ने किए रिजेक्ट, दस्तावेजों के अभाव में नहीं होंगे काउंसलिंग में शामिल

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भोपाल  
प्रदेश में आगामी सत्र 2021-22 में प्रवेश देने शासन ने 88 बीएड कॉलेज और सभी आठ विश्वविद्यालयों ने 60 कॉलेजों पर रोक लगा दी है। उन्होंने काउंसलिंग में शामिल होने दस्तावेजों की पूर्ति नहीं की है। इससे बीएड में करीब दस हजार सीट शामिल नहीं हो सकी हैं। इसी तरह पारंपरिक कोर्स में भी सीटों की गिनती कम हुई है।

प्रदेश के 88 बीएड कॉलेजों ने एनसीटीई और प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति से फीस का निर्धारण नहीं किया है। इसलिए शासन ने उन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया है। इसलिए विभाग को 53 हजार सीटों पर काउंसलिंग कराना पड़ रही है। जबकि उक्त कॉलेजों की शामिल होने से सीटों की संख्या करीब 63 हजार तक पहुंच सकती थी। विभाग ने उक्त कॉलेजों को एनसीटीई से मान्यता और फीस कमेटी से फीस निर्धारित कराने का मौका दिया है, ताकि वे दूसरे राउंड की काउंसलिंग में शामिल हो सकें। वहीं, दूसरी तरफ से काउंसलिंग को देखते हुए फीस कमेटी भी कॉलेजों की फीस फटाफट निर्धारित करने के कार्य में लगी हुई है।

विभाग ने पारंपरिक कोर्स की काउंसलिंग शुरू कर दी है। इसमें शासन प्रदेश के करीब पांच दर्जन कॉलेजों के प्रवेश पर रोक लगा रखी है। इसलिए गत वर्ष की अपेक्षा वर्तमान सत्र में 1264 भागीदारी कर रहे हैं। हालांकि विभाग ने कॉलेजों को काउंसलिंग खत्म होने के पहले दस्तावेज पूर्ण करने और अपनी प्रोफाइल तैयार करने का मौका दिया है, ताकि वे विवि से संबद्धता ले सकें। संबद्धता मिलते ही उन्हें आॅनलाइन सेंट्रल काउसंलिंग में शामिल कर लिया जाएगा।

विभाग को 1264 कॉलेजों के प्रस्ताव उचित मापदंडों पर मिले हैं, जिनके कारण उन्हें काउंसलिंग में शामिल किया गया है। इसमें नए तीन दर्जन कॉलेजों को शामिल किया गया है। विभाग को वर्तमान सत्र में 54 नए कॉलेजों के प्रस्ताव मिले थे, जिसमें 35 मान्य हुए और 19 कॉलेजों के प्रस्ताव को दस्तावेजों को अमान्य करते हुए निरस्त कर दिया गया है। भोपाल संभाग में दस कॉलेजों प्रस्ताव में छह मान्य करते हुए चार निरस्त किए गए हैं।  इससे भोपाल में पांच पारंपरिक और एक विधि कॉलेज संचालित किया जा रहा है। 

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