जालालाबाद
अफगानिस्तान के दक्षिणी-पूर्वी इलाके में रविवार रात भयंकर के भूकंप झटके महसूस हुए. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रत 6.3 दर्ज की गई. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप की वजह से 250 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस हुए.
भूकंप के बाद अभी भी लोग दहशत में हैं. भूकंप रविवार रात 12.47 बजे आया, पहले 6.0 की तीव्रता थी और इसके बाद 6.3 की तीव्रता का झटका लगा. अफगानिस्तान के नांगरहार जन स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने बताया कि भूकंप की वजह से नौ लोगों की मौत हुई है. घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हालांकि इसके बाद जान गंवाने वालों की संख्या काफी बढ़ गई. अब कुल 250 लोगों की जान जा चुकी है.
भूकंप को लेकर तालिबान प्रवक्ता ने क्या कहा
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दुख जाहिर किया है. उन्होंने एक्स पोस्ट के जरिए कहा, ''दुर्भाग्य से, आज रात आए भूकंप से हमारे कुछ पूर्वी प्रांतों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. स्थानीय अधिकारी प्रभावित लोगों के बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. केंद्र और आस-पास के प्रांतों से सहायता दल भी पहुँच रहे हैं.''
USGS ने कहा कि भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद के पास था और इसकी गहराई जमीन की सतह से 8 किलोमीटर नीचे थी. यह भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 11:47 बजे आया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता अजमल दरवैश के अनुसार, पूर्वी प्रांत नंगाहार में नौ लोग मारे गए और 25 अन्य घायल हो गए.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में भयानक भूकंप का इतिहास रहा है. 7 अक्टूबर, 2023 को अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके बाद तेज झटके आए. तालिबान सरकार का अनुमान है कि कम से कम 4,000 लोग मारे गये. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने मरने वालों की संख्या लगभग 1,500 कम बताई थी. यह हाल की स्मृति में अफगानिस्तान पर आई सबसे घातक प्राकृतिक आपदा थी.
500 लोगों की मौत
अफगान के नांगरहार जन स्वास्थ्य विभाग ने प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने भी भूकंप की पुष्टि की है। रहीमी का कहना है कि भूकंप के तेज झटकों से कई घर धराशायी हो गए। शुरुआत में 9 लोगों की मौत और 15 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई थी। मगर, अब 500 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है और कई लोग घायल हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
दिल्ली NCR तक हुआ असर
भूकंप का असर दिल्ली एनसीआर तक देखने को मिला। आधी रात को अचानक धरती हिलने से कई लोग अपने घरों से निकालकर बाहर भागे। लोगों में दहशत का माहौल था। हालांकि, अफगानिस्तान की तुलना में दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके हल्के थे, जिससे कोई जानमाल की हानि नहीं हुई।
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र में टैक्टॉनिक गतिविधिया काफी सक्रिय हैं। भारतीय प्लेट और यूरोशियन प्लेट के खिसकने के कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इससे पहले 2 अगस्त को भी इस इलाके में 5.5 की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र जमीन से 87 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया था। वहीं, 6 अगस्त को यहां 4.2 की तीव्रता वाला भूकंप महसूस किया गया था।
अफगानिस्तान में इससे पहले भी कई बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. 28 मई को 4.7 की तीव्रता का भूकंप आया था. हालांकि किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ था. वहीं 16 अप्रैल को 5.9 की तीव्रता का भूकंप आया था. इसके साथ ही भारत, नेपाल और चीन में भी बीते महीनों में भूकंप आ चुका है.
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