मुरादाबाद
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन को लेकर चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां कोरोना वैक्सीन लगवाने के अगले दिन रविवार (17 जनवरी) को एत 46 वर्षीय वार्ड ब्वाय महिपाल सिंह की मौत हो गई है। डॉक्टरों ने शुरुआती जांच में कहा है कि मौत की वजह हार्ट अटैक है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को टीका लगवाने के बादवार्ड ब्वाय महिपाल सिंह बिल्कुल ठीक थे। महिपाल सिंह को कोविशील्ड वैक्सीन की डोज दी गई थी। जिसके 24 घंटे बाद "सांस फूलने और बेचैनी" की शिकायत की वजह से उनकी मौत हो गई। हालांकि वार्ड ब्वाय के बेटे का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद उनके पिता की तबीयत पहले जैसी नहीं थी।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. एमसी गर्ग ने टीओआई को बताया, ''महिपाल सिंह (वार्ड ब्वाय) को शनिवार को दोपहर 12 बजे कोविशिल्ड वैक्सीन दी गई। रविवार दोपहर को उन्हें सीने में दर्द के साथ सांस फूलने लगी। उन्होंने टीकाकरण के बाद रात की पाली में काम किया था और हमें नहीं लगता कि टीका के किसी भी दुष्प्रभाव के कारण मौत हुई है। हालांकि, हम मृत्यु के सही कारण को सत्यापित करने का प्रयास कर रहे हैं। शव को जल्द से जल्द शव परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।''
सीने में तेज दर्द के बाद अस्पताल ले जाया गया
बताया जा रहा है कि रविवार (17 जनवरी) को सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ के बाद महिपाल सिंह को जिला अस्पताल ले जाया गया था। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि महिपाल सिंह इसी जिला अस्पताल में वार्ड ब्वाय के पद पर थे। उनकी सर्जिकल वार्ड में थी। इनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है।
महिपाल के बेटे ने क्या कहा?
महिपाल के बेटे विशाल का कहना है कि उनके पिता की शनिवार रात से तबीयत खराब थी। सुबह उन्हे अचानक बुखार आ गया। महिपाल के बेटे विशाल ने कहा, "मेरे पिता टीकाकरण के बाद से ही अच्छा फील नहीं कर रहे थे। उन्होंने मुझे घर वापस लाने के लिए एक ऑटो में अस्पताल आने के लिए कहा क्योंकि उनकी तबीयत खराब थी और वो अपने बाइक को चला नहीं सकते थे। मैं दोपहर करीब 1.30 बजे वहां पहुंचा और उनकी हालत पहले से खराब हो चुकी थी। वह वैसा व्यवहार नहीं कर रहा थे जैसा वह सामान्य रूप से करते थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। कुछ दिन पहले, शायद एक पखवाड़े से, मुझे लगता है कि उसे हल्का बुखार था। मैं उन्हें घर ले आया और उन्हे चाय दी गई और आराम करने को कहा गया। रविवार को, जब मैं काम के लिए निकला था, मुझे पता चला कि मेरे पिता की हालत बिगड़ गई थी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मुझे लगता है कि यह वैक्सीन का दुष्प्रभाव था।''
डॉक्टरों ने क्या कहा?
वहीं अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल लाने से पहले ही महिपाल सिंह की मौत हो चुकी थी। परिजनों के कहने पर उनका कई बार चेकअप किया गया, पर कोई फायदा नहीं हुआ। संभव है कि उन्हें साइलेंट अटैक हुआ हो और परिवार को इस बारे में पता भी नहीं चला। मुरादाबाद में टीकाकरण अभियान के पहले दिन मुरादाबाद जिले में लगभग 479 स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया था। एक सवाल के जवाब में विशाल ने बताया कि उनके पिता महिपाल सिंह कभी भी कोरोना पॉजिटिव भी नहीं थे।
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