गोरखपुऱ
बेसिक शिक्षा विभाग में 21 शिक्षक बिना ड्यूटी किए वेतन डकारते रहे। आठ साल में इन्हें 50-50 लाख से ज्यादा का भुगतान हो गया। जून 2019 में खेल पकड़े जाने के बाद वेतन रोकते हुए इन्हें नोटिस दिया गया तो किसी ने जवाब नहीं दिया। अब बर्खास्तगी के नोटिस पर अजब-गजब जवाब आ रहे हैं। कोई कह रहा है कि अब नौकरी नहीं करनी तो किसी को पारिवारिक दिक्कतों की वजह से मोहलत चाहिए। इतना ही नहीं 10 शिक्षकों ने तो जवाब ही नहीं दिया जबकि इसके लिए 31 दिसंबर तक मियाद तय की गई थी।
बीएसए बीएन सिंह ने 25 जून 2019 को 21 ऐसे शिक्षकों को पकड़ा जो आठ साल से गायब चल रहे थे और वेतन उनके नाम बन रहा था। इसके बाद बीएसए ने इन सभी शिक्षकों को नोटिस भेजते हुए प्रमाणपत्रों के साथ उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने की हिदायत दी। बावजूद इसके कोई शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद बीएसए की तरफ से नियमानुसार दो बार और पहली फरवरी 2020 और 6 फरवरी 2020 को नोटिस भेजा गया। इसके बाद भी कोई शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ। अंत में विभाग की तरफ से इन सभी शिक्षकों का नाम बर्खास्तगी की नोटिस के साथ विज्ञापन निकलवाया गया और 31 दिसंबर 2020 तक उपस्थित होने को कहा।
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