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​छिपकली पोज से दिन की शुरुआत करती हैं शिल्पा

शिल्पा शेट्टी अब धीरे-धीरे पूरे जोश के साथ अपने रूटीन को फॉलो करने लगी हैं। रियलिटी शूट के साथ-साथ शिल्पा अब डेली एक्टिविटीज भी फैंस के साथ शेयर करती हैं। उन्होंने गणेश चतुर्थी के दिन अपने दोनों बच्चों के साथ तस्वीरें शेयर की हैं। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में एक वर्कआउट वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वे उत्थान पृष्ठासन करते हुए दिख रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस योग मुद्रा के कई फायदे भी बताए हैं। आइए जानते हैं क्या है उत्थान पृष्ठासन और किन लोगों के लिए फायदेमंद।

शिल्पा ने वीडियो के पोस्ट में लिखा, 'सुबह के वक्त शरीर को एक गुड स्ट्रैच यानी अच्छा खिंचाव देना आपके लिए एक बेहतर दिन की शुरुआत है। ये शरीर में ब्लड सर्कुलेशन के साथ मसल्स और माइंड को एड करके टेंशन, तनाव के दर्द को दूर कर सकता है। इसलिए, मैंने अपने दिन की शुरुआत आसमान के नीचे, पैरों को जमीन पर, चहंकते पक्षियों के साथ और O2 उत्थान प्रतिष्ठान या लिजर्ड पोज (छिपकली आसान) के साथ करने का फैसला किया।' इसे आप छिपकली पोज भी कह सकते हैं।

उत्थान पृष्ठासन करने के फायदे
उत्थान पृष्ठासन यानी लीजर्ड पोज करने से न केवल शरीर के लचीलेपन में सुधार करता है, बल्कि हैमस्ट्रिंग, हिप फ्लेक्सर्स और कमर को खोलने में भी मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह आंतरिक जांघों और क्वाड्रिसेप्स को मजबूत बनाता है, जिससे यह कूल्हे खोलने, ऊपरी शरीर यानी दिमाग को खोलने और नसों को शांत करने के लिए एक बेहतर आसन है। इसे करने से वेट लॉस में मदद मिलती है और पेट की चर्बी अंदर जाती है।

​ये लोग न करें ये योग
शिल्पा ने अपने पोस्ट में यह भी जानकारी दी है कि किनके लिए ये आसन नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने बताया कि यदि आप किसी कूल्हे या घुटने की चोट से पीड़ित हैं या आपके कमजोर कंधे हैं, तो इस मुद्रा को करने से बचें।

​लीजर्ड पोज करने का तरीका
    सबसे पहले आपको अधोमुख श्वानासन में आएं।
    अधोमुख आसन में आप दोनों हथेलियों व तलवों को टिकाए रखें और दोनों हाथों के बीच में सिर रखते हुए कूल्हों को आसमान की ओर रखें।
    अब सांस छोड़ते हुए अपने दाएं पैर को दाएं हथेली के बाहर की ओर टिकाएं।
    अपने दाएं घुटने को दाएं टखने के ठीक ऊपर 90 डिग्री के कोण पर रखें और बाएं पैर को स्ट्रेट यानी सीधा रखें।
    अब सांस लेते हुए अपनी दोनों कोहनियों को जमीन पर टिकाएं और हथेलियों को भी जमीन की ओर फैला लें।
    आप देखेंगे कि दायां हाथ और दायां पैर दोनों बराबर में आ गया है।
    अब इसी मुद्रा में रहकर 5-6 बार गहरी सांस लें। इसके बाद वापिस शुरुआती मुद्रा यानी अधोमुख योग में आकर कुछ सेकेंड रहें।

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