भोपाल
राजधानी भोपाल से सटे बैरसिया और औबेदुल्लागंज जैसे नगरीय निकायों में ही ओडीएफ के दावे फेल हो रहे है। खुद को ओडीएफ घोषित करने वाले प्रदेश के एक दर्जन निकाय परीक्षण के दौरान फेल हो गए है। वहीं कई निकायों ने तो दूसरे निकायों और सार्वजनिक शौचालयों के फोटो दिखाकर खुद को स्वच्छ बताने की कोशिश की लेकिन उनकी भी कलई खुलने पर उन्हें जमकर फटकार लगी है।
सभी नगरीय निकायों को खुलें में शौच मुक्त शहर घोषित कर अपने आपको ओडीएफ बनाना है। प्रदेश के बारह नगरीय निकाय ऐसे पाए गए है जिन्होंने खुद को ओडीएफ घोषित किया और बाद में जब जांच की गई तो उनका दावा फेल हो गया। इन निकायों में टीकमगढ़, गाडरवारा, आमला, पिपरिया, नसरुल्लागंज, औबेदुल्लागंज, पृथ्वीपुर, पलेरा, लटेरी, बैरसिया, खिकिया और करेरा जैसे निकाय शामिल है। इन सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को फर्जी ओडीएफ प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए है।
सभी निकायों को फिर से आवेदन करने को कहा गया है। दूसरी बार असफल होने पर निकाय छह माह तक अपने दावे प्रस्तुत नहीं कर सकेंगे। निकायों में भ्रमण के दौरान यही समस्याएं सामने आ रही है। यदि कोई निकाय शौचालय की गंदगी की वजह से असफल होता है तो संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाएगी। ओडीएफ के परीक्षण के दौरान यह देखा जा रहा है कि नागरिक खुले में यूरिनेशन या बच्चे खुले में शौच करते दिख जाते है तो वे निकाय के परिणामों के खिलाफ चले जाते है। सभी निकायों को अपनी तैयारियों में इसका ध्यान रखने को कहा गया है।
नगर परिषद देपालपुर के डीआरई फोटो को कॉपी कर पोर्टल पर अपलोड करने वाले सीएमओ और नगर परिषद जैरोनखालसा के विरुद्ध की दो वेतन वृद्धि रोके जाने के निर्देश दिए है। बारीगढ़ नगर परिषद के सब इंजीनियर द्वारा गूगल से फोटो डाउनलोड कर डीआरई में अपलोड किए जाने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए है। सिरमौर नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए है।
गारबेज फ्री सिटी के लिए दावे प्रस्तुत करने के लिए पहले फेज में चिन्हित सौ निकायों में दस्तावेज तैयार करने की गति काफी धीमी है। अब तक सिर्फ 28 निकायों ने दस्तावेज तैयार कर दिए है। रीवा, जबलपुर और ग्वालियर संभाग में भी कई निकायों ने दस्तावेज पूरे नहीं भेजे है। रीवा और ग्वालियर संभाग के संयुक्त संचालकों को इस संबंध में तत्काल कार्यवाही पूरी करने को कहा गया है।
शौचालयों को स्वच्छ दिखाने के लिए निकायों के अफसर दूसरे निकायों के शौचालय और सार्वज्निक शौचालयों के फोटो अपलोड कर रहे है। जेरोनखालसा, देपालपुर और तेंदुखेड़ा जैसे निकायों ने दूसरे निकायों के फोटो अपलोड कर स्वच्छ शौचालय बताने का प्रयास किया गया। छतरपुर संभाग के बारीगढ़ निकाय ने गूगल से डाउनलोड करके डीआरई की फोटो डाल दी। जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। सांवेर नगर पालिका ने नगरपालिका का बिल, छापीहेड़ा ने गूगल लोकेशन मैप और इछावर ने किसी सार्वजनिक शौचालय का फोटो डाल दिया। कुल 180 निकायों को ओडीएफ डबल प्लस के नवीन दावे प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। इनमें से आठ निकायों हरपालपुर, सिरमौर, चाकघाट, पंधाना, चंदला, गढ़ीमलहरा, जोबट और मंडलेश्वर ने इस संबंध में प्रगति से अपडेट ही नहीं किया गया है। जो फोटो निकायों ने अपलोड किए है उसमें 90 निकाय ही डीआरई की आवश्यकताओं को पूरा करते है। 24 निकायों में और सुधार करने की जरूरत है। बीस निकायों द्वारा अपलोड किए गए फोटो किसी भी हालत में डीआरई नहीं है।
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