मध्य प्रदेश

स्वच्छता सर्वेक्षण: कचरे और गंदगी से शहर के बुरे हाल

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भोपाल
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के सिटीजन फीडबैक के लिए सर्वे टीम के मेंबर फील्ड के बजाए निगम के वार्ड कार्यालयों में बैठकर सिटीजन फीडबैक ले रहे हैं। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन आने का सपना इस बार भी नगर निगम भोपाल का मुश्किल नजर आ रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण के जिम्मेदार अफसरों ने इस काम में लगे निगम के कर्मचारियों ओर एजनीओं के सदस्यों को सिटीजन फीडबैक लेने के लिए चतुराई से काम करने के निर्देश दिए हैं। जिसका नतीजा यह निकला कि भोपाल सिटीजन फीडबैक के पहले सप्ताह की दौड़ में बाहर हो गया। उधर, इस संबंध में अपर आयुक्त एमपी सिंह का कहना हैं कि सिजीजन फीडबैक में हम अच्छी पॉजिशन में हैं।

निगम के वार्ड कार्यालयों में बैठकर सिटीजन फीडबैक ले रहे एनजीओ के कर्मचारियों को हिदायत दी गई हैं कि जो व्यक्ति पॉजिटिव फीडबैक दे उसका ही मोबाइल नंबर फीड किया जाए। यदि कोई व्यक्ति निगेटिव फीडबैक दे तो उसका मोबाइल नंबर नहीं लिखें, क्योंकि आप जिसका मोबाइल नंबर लिंक पर डालेंगे उसके पास एक ओटीपी आएगा। जिसके आधार पर वह व्यक्ति सर्वे में शामिल माना जाएगा।
 
शहर की दर्जनों कॉलोनियों में आज भी खुले में सीवेज की गंदगी बह रही है। इसके अलावा घरों से डोर-टू-डोर कनेक्शन के काम में भी लापरवाही बरती जा रही है। निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर मिक्स कचरा पहुंच रहा है। लिटर बिन गंदगी के नए स्पॉट बने हुए हैं। कहने भर के लिए स्वच्छता अभियान के तहत कागजों में सफाई हो रही है। कचरे और गंदगी को लेकर शहर में आज भी बुरे हाल हैं।

निगम के आला अधिकारियों को सिटीजन फीडबैक के मामले में निगेटिव फीडबैक का काफी डर है। इस कारण इस काम में लगे निगम के कर्मचारी और एनजीओ के मेंबर को कॉलोनियों में जाकर फीडबैक लेने के लिए मना किया गया है। इसका खामियाजा नगर निगम भोपाल का सिटीजन फीडबैक के पहले सप्ताह में भुगतना पड़ा।

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