कारोबार

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में बड़ा बदलाव

नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी। इस स्कीम में अब बड़ा बदलाव हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से संबंधित निवेशकों की शिकायतों के समाधान के लिए प्रक्रिया को सही किया गया है। अब निवेशक रिजर्व बैंक को भी शिकायत कर सकेंगे।

शिकायत करने का तरीका: रिजर्व बैंक ने बताया कि शिकायतों की प्रक्रिया को अधिक दक्ष बनाने के लिए प्राप्ति कार्यालय (आरओ) का नोडल अधिकारी पहला संपर्क बिंदु होगा। यहां प्राप्ति कार्यालय से मतलब बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (एससीएचआईएल), निर्धारित डाक कार्यालय और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (एनएसई और बीएसई) से है। रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर मुद्दे का समाधान नहीं होता है, तो आरओ में प्रसार ढांचे के जरिये उपभोक्ता की शिकायत का निपटान किया जाएगा।

रिजर्व बैंक से शिकायत: केंद्रीय बैंक ने कहा कि यदि आरओ से शिकायत दर्ज करने के एक माह के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है अथवा निवेशक आरओ के जवाब से संतुष्ट नहीं है तो निवेशक sgb@rbi.org.in पर रिजर्व बैंक से शिकायत कर सकते हैं।

बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में प्रत्येक वित्त वर्ष में न्यूनतम एक ग्राम सोने के लिए निवेश की अनुमति है। वहीं व्यक्तिगत लोगों के लिए अधिकतम चार किलोग्राम, एचयूएफ के लिए चार किलोग्राम, न्यासों के लिए 20 किलोग्राम तक निवेश की अनुमति है।

दरअसल, ये योजना नवंबर, 2015 में शुरू हुई थी। इसका मकसद सोने की फिजिकल मांग में कमी लाना और इसकी खरीद में इस्तेमाल होने वाली घरेलू बचत को वित्तीय बचत में स्थानांतरित करना था। इस योजना के तहत गोल्ड बॉन्ड खरीदा जाता है। रिजर्व बैंक इसकी कीमत तय करता है।

admin
the authoradmin