मध्य प्रदेश

सांसद ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को लिखा पत्र, आदिवासियों के लिए बैंकिंग सेवा की डिमांड

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भोपाल
आदिवासियों के जीवन स्तर को सुगम बनाने के लिए भाजपा संगठन और शिवराज सरकार की तैयारियों के बीच भाजपा से सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने आदिवासी क्षेत्रों में बैंकों की कमी से आदिवासियों को होने वाली दिक्कत का मामला उठाया है। सांसद ने आदिवासी ग्रामों में अधिक से अधिक बैंकिंग सेवाएं देने की बात कही है। निमाड़ क्षेत्र के 5 जिले आदिवासी बाहुल्य हैं। इन जिलों के ग्रामों में सरकारी एवं गैर सरकारी बैंकों की शाखाएं खोल दी जाएं तो यहां के जनजातीय लोगों को बैंकिंग कार्य में आसानी रहेगी।

 राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड को इसको लेकर पत्र भी लिखा है। सांसद ने कहा है कि जनजातीय क्षेत्रों में सरकारी एवं गैर सरकारी बैंको की शाखाएं खोली जाएं। इसके लिए बैंक मुख्यालयों को, शाखाएं खोलने हेतु निर्देशित करें जिससे जनजातीय क्षेत्र के आदिवासी जन को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। डॉ. सोलंकी ने लिखा है कि आदिवाासी बाहुल्य क्षेत्र में जनजातीय लोगों को बैंकों में पैसे के लेन-देन के लिए दूर-दराज क्षेत्रों में जाना पड़ता है।

केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में सांसद सोलंकी ने बताया कि बड़वानी जिले के ग्राम सिलावद, पाटी, बोकराटा, मेणीमाता, गंधावल, भवती, रोसर, ओझर, नागलवाड़ी, रणगांव डेब में, खरगोन जिले के ग्राम भगवानपुरा, धूलकोट, झिरन्या, दामखेड़ा, पिपलझोपा, सिरवेल, केहली, लोनारा, डोंगरगांव, बमनाला, अमलखेड़ी, गोराडया में बैंकिंग शाखाओं की जरूरत है। इसी तरह धार जिले के ग्राम डही, बाग, उमरबन, बालीपुरधाम में, अलीराजपुर जिले के ग्राम बर्जर, चन्द्रशेखर आजाद नगर, चांदपुर, छकतला, नानपुर, वालपुर, भखतगढ़ में तथा झाबुआ जिले के ग्राम कुंदनपुर, समोई, पिरोल, कालीदेवी, ढेकल, काकनवाणी, सारंगी, खवासा में सरकारी एवं गैर सरकारी बैंकों की शाखाएं खोलने की आवश्यकता है।

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