उत्तर प्रदेश

सरकारी शिक्षकों को 31 जनवरी तक निष्ठा ट्रेनिंग का एक और अवसर

पटना 
केन्द्र सरकार द्वारा बिहार समेत देशभर के शिक्षकों के लिए जारी विशेष ‘निष्ठा’ प्रशिक्षण नहीं लेने वाले शिक्षकों के लिए एक और मौका है। खासतौर से वैसे शिक्षकों के लिए यह अवसर है, जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) द्वारा विकसित 18 मॉड्यूल का प्रशिक्षण नहीं लिया है।

ऐसे शिक्षक 16 से 31 जनवरी तक आरंभ होने वाली निष्ठा ट्रेनिंग का हिस्सा बन सकते हैं। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने ऐसे शिक्षकों को प्रशिक्षण लेने का निर्देश जारी किया है। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को ऐसे शिक्षकों को इस महत्वपूर्ण ट्रेनिंग कार्यक्रम से जोड़ने को कहा गया है। 

गौरतलब है कि ‘नेशनल इनिशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट’ अर्थात ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग की शुरुआत केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 में ही की थी। इसके तहत बिहार समेत देशभर के 42 लाख शिक्षकों की शिक्षण दक्षता बढ़ाने के लिए ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग की अवधारणा हुई थी और इसके लिए 18 अलग-अलग मॉड्यूल विकसित किया गया था। 

ट्रेनिंग पांच दिवसीय आवासीय मोड में परिकल्पित थी। पहले वर्ष में बिहार के 1.48 लाख शिक्षकों को निष्ठा की ट्रेनिंग दी गई। वर्ष 2020 में बिहार के जिन ढाई लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण को स्वीकृति केन्द्र ने दी थी, उनमें 2.30,860 प्रारंभिक जबकि 21,149 हाईस्कूल शिक्षक हैं। प्रारंभिक स्कूल के शिक्षकों में 62642 मध्य जबकि 1,68218 प्राइमरी शिक्षक है।

अक्टूबर में ही आरंभ हुआ था प्रशिक्षण 
अक्टूबर 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के बीच ही बिहार के ढाई लाख शिक्षकों के लिए निष्ठा ट्रेनिंग की शुरुआत कर दी गई थी। 16 अक्टूबर 2020 से होने वाले इस ट्रेनिंग कार्यक्रम को कोरोना संकट के चलते ऑनलाइन मोड में आरंभ किया गया था। इस प्रशिक्षण का मकसद स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों में लीडरशिप डेवलपमेंट के साथ ही उन्हें उनका दायित्व बोध कराना और उन्हें डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर अपने शिक्षण पद्धति को मजबूत कराना शामिल है। बीईपी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रविशंकर सिंह ने कहा कि सभी शिक्षकों को 15 दिवसीय ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद शिक्षकों को इसका सर्टिफिकेट प्राप्त करने पर ही डीईओ को वेतन भुगतान करने का आदेश दिया गया है। 

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